चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने मंगलवार को कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया, जो शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल होने जा रहे थे। हिरासत में लिए गए नेताओं में सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल प्रमुख हैं।
मोहाली में किसानों और पुलिस के बीच झड़प
मोहाली में पुलिस और किसानों के बीच टकराव हुआ, जिसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। ये नेता केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के बाद शंभू बॉर्डर की ओर बढ़ रहे थे। केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान कर रहे थे, लेकिन बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंची।
पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली कराया
प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर अभियान चलाया, जहां किसान लंबे समय से डटे हुए थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा बनाए गए अस्थायी ढांचे भी हटा दिए गए और कई किसानों को हिरासत में लिया गया।
पंजाब सरकार का रुख – धरना पंजाब में क्यों?
पंजाब सरकार ने इस कार्रवाई का बचाव किया है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “हम चाहते हैं कि शंभू और खनौरी बॉर्डर खुले रहें। किसानों की मांगें केंद्र सरकार से जुड़ी हैं, तो उन्हें दिल्ली में प्रदर्शन करना चाहिए, न कि पंजाब की सड़कों को बाधित करना चाहिए।”
विपक्षी दलों ने की सरकार की आलोचना
विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे “किसानों के खिलाफ हमला” बताया।
वहीं, शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, “पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को स्पष्ट करना चाहिए कि बैठक के बाद ऐसा क्या हुआ कि किसान नेताओं को गिरफ्तार करना पड़ा? इससे साफ है कि केंद्र सरकार और भगवंत मान सरकार किसानों के खिलाफ एकजुट हैं।”
बातचीत बेनतीजा, आंदोलन जारी
केंद्र सरकार के साथ किसानों की बैठक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची। हालांकि, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे “सकारात्मक चर्चा” बताया है। लेकिन किसानों का गुस्सा थमता नजर नहीं आ रहा। अब सवाल यह है कि क्या सरकार और किसान संगठनों के बीच टकराव और बढ़ेगा या कोई समाधान निकलेगा?