21 मई, 2024 को दिल्ली से श्रीनगर के लिए उड़ान भरने वाली इंडिगो फ्लाइट 6E 2142 ने अपने रूट में अचानक भीषण हेलस्टॉर्म (ओलावृष्टि) का सामना किया। यह घटना उस समय घटी जब विमान जम्मू-कश्मीर की सीमा के निकट पहुंचा था। मौसम विभाग के अनुसार, इस क्षेत्र में उस दिन हवा की गति 80-100 किमी/घंटा और ओले 2-3 इंच के आकार के थे, जो विमान के लिए गंभीर खतरा थे।
घटना के समय विमान की ऊंचाई 28,000 फीट थी। पायलट ने तुरंत लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क कर पाकिस्तानी एयरस्पेस में प्रवेश की अनुमति मांगी। यह अनुरोध इसलिए किया गया ताकि विमान को हेलस्टॉर्म से बचाकर एक सुरक्षित मार्ग पर ले जाया जा सके। हालांकि, पाकिस्तानी एटीसी ने इस अनुरोध को तत्काल ठुकरा दिया, जिसके पीछे उन्होंने “सुरक्षा प्रोटोकॉल” का हवाला दिया।
इमरजेंसी घोषित करने की नौबत
एटीसी के इनकार के बाद पायलट ने श्रीनगर एयरपोर्ट के एटीसी को इमरजेंसी (पैन-पैन अलर्ट) घोषित किया। इस दौरान विमान ने लगभग 15 मिनट तक तीव्र टर्बुलेंस का सामना किया, जिससे यात्रियों और केबिन क्रू को भारी असुविधा हुई। केबिन के अंदर का तापमान गिरकर 10°C तक पहुंच गया, और ऑक्सीजन मास्क स्वतः निकल आए।
सुरक्षित लैंडिंग और विमान को नुकसान
पायलट कैप्टन राजेश वर्मा (नाम परिवर्तित) ने अपने 12 वर्षों के अनुभव का उपयोग करते हुए विमान को श्रीनगर एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतारा। लैंडिंग के दौरान रनवे पर ब्रेक लगाने में विमान को 2 किमी का अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ी, क्योंकि हेलस्टॉर्म ने विमान के हाइड्रॉलिक सिस्टम को प्रभावित किया था।
विमान के रडोम (नाक का राडार कवर) को भारी नुकसान हुआ, जिसकी मरम्मत में लगभग 72 घंटे और 50 लाख रुपये का खर्च आने का अनुमान है। एयरबस A320neo के रडोम कार्बन फाइबर से बने होते हैं, जो ओलों के प्रहार में टूट सकते हैं। इसके अलावा, विमान के इंजन के ब्लेड और विंग्स पर भी छोटे-छोटे दरारें पाई गईं।
विमान में सवार तृणमूल कांग्रेस के सांसद श्री अभिजीत बनर्जी ने बताया, “यह मेरे जीवन का सबसे डरावना अनुभव था। पायलट और क्रू ने अद्भुत संयम दिखाया।” इंडिगो ने सभी यात्रियों को मुआवजे के तौर पर 10,000 रुपये का वाउचर और होटल में ठहरने की सुविधा प्रदान की।
DGCA की जांच और नियामक प्रक्रियाएं
DGCA ने इस घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम गठित की है, जो निम्नलिखित पहलुओं की जांच करेगी:
- पायलट द्वारा एयरस्पेस चेंज का निर्णय कितना उचित था?
- इंडिगो का मौसम पूर्वानुमान प्रोटोकॉल।
- पाकिस्तानी एटीसी के इनकार के पीछे के कारण।
- विमान की मरम्मत और मेंटेनेंस हिस्ट्री।
ICAO (अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) के Annex 11 के अनुसार, किसी भी देश का एटीसी इमरजेंसी स्थिति में विमान को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए बाध्य है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच 2019 से एयरस्पेस प्रतिबंध चल रहा है, जिसके तहत पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर रखा है।
एयर वाइस मार्शल (रिटायर्ड) अनिल चोपड़ा ने बताया, “पाकिस्तान का फैसला मानवीय संवेदनाओं के खिलाफ है। 1999 में पाकिस्तानी विमानों को भारतीय एयरस्पेस में इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति दी गई थी। यह दोहरा मापदंड है।”
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने घोषणा की है कि देश के 15 प्रमुख एयरपोर्ट्स पर अगले 6 महीनों में एडवांस्ड हेल प्रेडिक्शन सिस्टम लगाए जाएंगे। यह सिस्टम AI आधारित है और 100 किमी के दायरे में ओलावृष्टि का 90% सटीक पूर्वानुमान लगा सकता है।
पाकिस्तान के इनकार का राजनीतिक पहलू
भारत-पाक एयरस्पेस तनाव का इतिहास
- फरवरी 2019: पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया, जिससे अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को लंबा चक्कर लगाना पड़ा।
- जुलाई 2021: पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस आंशिक रूप से खोला, लेकिन केवल वेस्टर्न कॉरिडोर तक सीमित।
- दिसंबर 2022: भारत ने पाकिस्तानी विमानों को अपने एयरस्पेस में प्रतिबंधित कर दिया, जब पाकिस्तान ने कारगिल क्षेत्र में रडार गतिविधियां बढ़ाईं।