भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए G7 देशों ने दोनों से अपील की है कि वे सीधे संवाद की शुरुआत करें। अमेरिका ने भी दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच “रचनात्मक वार्ता” कराने में मदद का ऑफर दिया है।
G7 के विदेश मंत्रियों ने 22 अप्रैल को कश्मीर में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। भारत ने इस हमले का दोष पाकिस्तान पर डाला है, जबकि पाकिस्तान ने आरोपों से इनकार करते हुए एक निष्पक्ष जांच की मांग की है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की। उन्होंने दोनों से कहा कि बातचीत के रास्ते खोले जाएं और तनाव को काबू में लाया जाए।
हालांकि अमेरिका के रुख में थोड़ा फर्क नजर आया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस स्थिति को “दुर्भाग्यपूर्ण” कहा, तो उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने साफ कहा, “ये हमारा मामला नहीं है।”
कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच सालों से विवाद चल रहा है, और मौजूदा हालात ने इसमें और आग डाल दी है। G7 देशों ने दोनों देशों से संयम रखने और शांति की दिशा में काम करने का आग्रह किया है।
इसी बीच, अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत ने कहा कि दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद स्तर पर बातचीत हुई है, लेकिन उनका मानना है कि तनाव कम करने की जिम्मेदारी भारत पर ज्यादा है।