ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में कुछ ग्रीन कार्ड आवेदनों की प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया है, जिससे अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के बीच चिंता बढ़ गई है। यह निर्णय व्यापक आव्रजन नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना बताया गया है।
भारतीय प्रवासियों पर प्रभाव
आवेदन प्रक्रिया में बाधा
यह ठहराव मुख्य रूप से उन ग्रीन कार्ड आवेदकों को प्रभावित करता है जो शरणार्थी या आश्रय श्रेणी में आते हैं, लेकिन अन्य आवेदकों पर भी इसका असर पड़ सकता है। अमेरिका में 29 लाख से अधिक भारतीय प्रवासी हैं, और यह निर्णय उनके लिए कानूनी जटिलताओं और देरी का कारण बन सकता है।
लंबी प्रतीक्षा अवधि
भारतीय नागरिक पहले से ही प्रति-देश सीमा (country cap) के कारण ग्रीन कार्ड बैकलॉग का सामना कर रहे हैं। इस नए ठहराव से इन देरी को और बढ़ने की आशंका है। कैटो संस्थान के अनुमान के अनुसार, रोजगार-आधारित आवेदकों को दशकों तक इंतजार करना पड़ सकता है।
स्पष्टता की कमी
ट्रंप प्रशासन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह ठहराव कब तक जारी रहेगा। इससे हजारों आवेदकों को अपने भविष्य को लेकर गहरी अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। आलोचकों का मानना है कि यह निर्णय कानूनी प्रवासियों को अनुचित रूप से निशाना बना रहा है और नौकरशाही बाधाएँ खड़ी कर रहा है।
व्यापक आव्रजन नीति का संदर्भ
यह ठहराव ट्रंप प्रशासन की सख्त आव्रजन नीतियों का हिस्सा है, जिसमें अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई और निर्वासन योजनाएँ भी शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह नीतियाँ सभी प्रवासियों को संभावित सुरक्षा खतरे के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास हैं।
ग्रीन कार्ड प्रक्रिया में यह ठहराव भारतीय प्रवासियों के लिए गंभीर चुनौती साबित हो सकता है। वे पहले से ही लंबी प्रतीक्षा अवधि और कानूनी अनिश्चितताओं से जूझ रहे हैं, और इस निर्णय ने उनके लिए स्थिति और जटिल बना दी है। इसके अलावा, प्रशासन की ओर से स्पष्ट संवाद की कमी इस समस्या को और बढ़ा रही है।