तमिलनाडु में हिंदी थोपने के मुद्दे पर एक बार फिर सियासी घमासान तेज हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के बाद, जिसमें उन्होंने तमिलनाडु सरकार पर मेडिकल और इंजीनियरिंग शिक्षा को तमिल में न पढ़ाने का आरोप लगाया, DMK ने इसे झूठ करार देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि हिंदी थोपने का प्रयास किया गया, तो वे 1965 के विरोध की तरह कड़ा प्रतिरोध करेंगे।
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने दक्षिणी राज्यों से भाषा थोपने और परिसीमन नीति के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। उन्होंने रविवार को उगादि के अवसर पर तेलुगु और कन्नड़ भाषी लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आज, जब हिंदी थोपने और परिसीमन जैसी चुनौतियां बढ़ रही हैं, दक्षिणी राज्यों को पहले से कहीं अधिक एकजुट होने की जरूरत है। हमें मिलकर अपने अधिकारों और पहचान की रक्षा करनी होगी।”
तमिल में मेडिकल शिक्षा पर DMK का जवाब
DMK ने केंद्रीय गृह मंत्री के बयान का खंडन करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से झूठ है। पार्टी ने बताया कि 2010 से अन्ना विश्वविद्यालय में सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम तमिल में उपलब्ध हैं। वहीं, मौजूदा सरकार मेडिकल शिक्षा को तमिल में उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है।
DMK ने अपने आधिकारिक X (पहले ट्विटर) अकाउंट से लिखा, “झूठ, झूठ, झूठ – भाजपा के पास बस यही बचा है! आइए इस बकवास को तथ्यों से ध्वस्त करें।” पार्टी ने यह भी बताया कि जनवरी 2024 में पहली बार तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक और शैक्षिक सेवा निगम (TNTBESC) ने ग्रे की एनाटॉमी और गाइटन एंड हॉल मेडिकल फिजियोलॉजी जैसी प्रमुख मेडिकल किताबों का तमिल अनुवाद जारी किया था।
MGNREGA फंड पर DMK का विरोध प्रदर्शन
तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार पर मनरेगा (MGNREGA) के तहत 4,034 करोड़ रुपये की राशि रोकने का आरोप लगाया और इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” बताया। मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, “MGNREGA पहले ही फंड की कमी से जूझ रहा है। हमारी KMUT नकद हस्तांतरण योजना के लाभार्थी गरीब सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। यह डिजिटलीकरण नहीं, बल्कि संस्थागत शोषण है। गरीब स्वाइप करता है, अमीर मुस्कुराते हैं।”
शनिवार को DMK ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित किया और आरोप लगाया कि भाजपा सरकार तमिलनाडु को आर्थिक रूप से कमजोर करने का प्रयास कर रही है।
भाजपा ने DMK पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया
भाजपा ने DMK के आरोपों पर पलटवार किया और कहा कि पिछले चार वर्षों में केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना के तहत तमिलनाडु को रिकॉर्ड ₹39,339 करोड़ का आवंटन किया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा, “चूंकि आप इस योजना के क्रियान्वयन में अनियमितताओं के जाल में फंस चुके हैं, तो क्या आप सीबीआई जांच की अनुमति देंगे?”
तमिलनाडु भाजपा के उपाध्यक्ष के. एस. नरेंद्रन ने कहा, “DMK परिसीमन, भाषा नीति और अन्य मुद्दों का इस्तेमाल कर केंद्र सरकार का विरोध कर रही है ताकि राज्य में चल रही अन्य समस्याओं से जनता का ध्यान भटका सके।”
तमिलनाडु में हिंदी थोपने और परिसीमन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। जहां DMK इसे तमिल संस्कृति पर हमला बता रही है, वहीं भाजपा इसे राजनीतिक ध्यान भटकाने की रणनीति करार दे रही है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीति और गरमाने की संभावना है।