IMF ने दी पाकिस्तान को ₹20 हजार करोड़ की राहत मिल गई है। इससे उसे थोड़ी राहत तो जरूर मिली है, लेकिन भारत ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान इस पैसे का इस्तेमाल अपनी लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को संभालने में नहीं, बल्कि आतंकवाद को बढ़ावा देने में करता है।
IMF में जब इस मदद को लेकर वोटिंग हुई तो भारत ने हिस्सा नहीं लिया और विरोध दर्ज कराया। भारत ने कहा कि पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड पहले से ही दिखाता है कि वह सुधारों से ज्यादा हिंसा और अस्थिरता को तवज्जो देता है। इसके बावजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने देर रात बताया कि IMF ने उसे दो हिस्सों में फंड जारी करने की मंजूरी दे दी है, एक हिस्सा ‘विस्तारित निधि सुविधा’ के तहत और दूसरा ‘जलवायु लचीलापन सुविधा’ के तहत।
भारत ने IMF की कार्यशैली पर उठाए सवाल
भारत ने IMF की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए हैं। उसका कहना है कि जब संयुक्त राष्ट्र तक ने माना है कि पाकिस्तान की सेना वहां की राजनीति और अर्थव्यवस्था में दखल देती है, तो फिर ऐसे देश को बार-बार फाइनेंशियल सपोर्ट देना ठीक नहीं है। भारत ने साफ तौर पर कहा कि इस तरह के फैसले उन वैश्विक संस्थाओं की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं, जो दुनिया भर में नैतिकता और स्थिरता के नाम पर काम करती हैं।
भारत का ये भी कहना है कि IMF जैसी संस्थाओं को अपनी प्रक्रिया में सुधार लाने होंगे, ताकि आतंक को बढ़ावा देने वाले देश इनका गलत फायदा न उठा सकें।
IMF के आगे मोदी सरकार की कोशिशें नाकाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पाकिस्तान को यह मदद मिलने से रोकने की भरपूर कोशिश की थी, लेकिन अमेरिका और कुछ दूसरे ताकतवर देशों की वजह से भारत की आपत्तियाँ नजरअंदाज कर दी गईं। कहा जा रहा है कि कूटनीतिक समीकरणों और रणनीतिक साझेदारियों की वजह से IMF ने पाकिस्तान को आर्थिक ‘ऑक्सीजन’ दे दी।
जंग से मुनाफा कमाने की तैयारी?
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अमेरिका, यूरोप और बड़े कॉर्पोरेट ग्रुप भारत-पाक तनाव का फायदा उठाना चाहते हैं। उन्हें हथियारों के सौदे, तेल की कीमतों और युद्धकालीन सप्लाई जैसे मामलों में मोटा मुनाफा नजर आ रहा है। ऐसे में IMF जैसे संस्थानों का रवैया भी इसी वैश्विक राजनीति का हिस्सा लगता है।
तनाव के बीच आया ये फैसला
IMF की यह मदद ऐसे वक्त आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की, और जवाब में पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला किया। इससे पूरे इलाके में अस्थिरता का माहौल बन गया है।
हालांकि IMF की मदद से पाकिस्तान को फिलहाल थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन भारत की सुरक्षा चिंताओं को नजरअंदाज करना दुनिया भर के लिए चिंता की बात होनी चाहिए।