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1 अप्रैल 2025 से बदलेंगे इनकम टैक्स के 10 बड़े नियम, जानिए आपके लिए क्या होगा असर

1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नए इनकम टैक्स नियमों का आप पर प्रभाव आपकी आय, निवेश और खर्च के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। आइए समझते हैं कि ये बदलाव आपको कैसे प्रभावित कर सकते हैं:

आप टैक्सपेयर हैं, तो 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले इनकम टैक्स के नए नियमों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कई अहम बदलाव किए हैं, जो आपकी सेविंग, इन्वेस्टमेंट और फाइनेंशियल प्लानिंग को प्रभावित कर सकते हैं। इन बदलावों का उद्देश्य टैक्स प्रणाली को सरल बनाना और टैक्सपेयर्स को अधिक राहत प्रदान करना है। आइए जानते हैं इन 10 बड़े बदलावों के बारे में।

1. नई इनकम टैक्स स्लैब और दरें

नए टैक्स रिजीम के तहत आयकर स्लैब इस प्रकार होंगे:

  • ₹0 – ₹4 लाख: कोई टैक्स नहीं
  • ₹4 लाख – ₹8 लाख: 5%
  • ₹8 लाख – ₹12 लाख: 10%
  • ₹12 लाख – ₹16 लाख: 15%
  • ₹16 लाख – ₹20 लाख: 20%
  • ₹20 लाख – ₹24 लाख: 25%
  • ₹24 लाख से ऊपर: 30% (ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं हुआ है।)

2. सेक्शन 87A के तहत छूट बढ़ी

अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा, क्योंकि 87A के तहत छूट को ₹25,000 से बढ़ाकर ₹60,000 कर दिया गया है।

3. TDS नियमों में बदलाव

  • वरिष्ठ नागरिकों की ब्याज आय पर TDS लिमिट ₹1 लाख कर दी गई है।
  • अन्य वर्गों के लिए भी TDS की सीमा बढ़ाई गई है, जिससे छोटे करदाताओं को राहत मिलेगी।

4. TCS नियमों में राहत

  • विदेश यात्रा, निवेश और अन्य लेनदेन पर TCS की सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी गई है।
  • इससे विदेश में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को बड़ी राहत मिलेगी।

5. अपडेटेड ITR फाइलिंग की समय-सीमा बढ़ी

अब आईटीआर को 12 महीने की बजाय 48 महीने (4 साल) में अपडेट किया जा सकता है।

6. IFSC टैक्स छूट की समय-सीमा बढ़ी

इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC) के तहत मिलने वाली टैक्स छूट की अवधि 31 मार्च 2025 से बढ़ाकर 31 मार्च 2030 कर दी गई है।

7. स्टार्टअप्स के लिए टैक्स छूट

अब 1 अप्रैल 2030 तक रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स को सेक्शन 80-IAC के तहत 3 साल तक 100% टैक्स छूट मिलेगी।

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8. सेक्शन 206AB और 206CCA हटाए गए

टैक्स कलेक्शन और कटौती की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए इन सेक्शन्स को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।

9. पार्टनरशिप फर्मों पर नया नियम

  • अब पार्टनर्स को दी जाने वाली सैलरी पर अधिकतम कटौती सीमा तय की गई है।
  • पार्टनर्स को भुगतान पर भी TDS कटेगा।

10. ULIP पर कैपिटल गेन टैक्स

अब 2.5 लाख रुपये से अधिक प्रीमियम वाली ULIP पॉलिसी पर टैक्स लगेगा:

  • 12 महीने से कम होल्डिंग पर → 20% शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स
  • 12 महीने से अधिक होल्डिंग पर → 12.5% लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स

क्या नए नियमों से टैक्स का बोझ कम होगा?

इन बदलावों का उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल और करदाताओं के लिए सुविधाजनक बनाना है। यदि आप इन परिवर्तनों को ध्यान में रखकर फाइनेंशियल प्लानिंग करते हैं, तो टैक्स का बोझ कम किया जा सकता है।

क्या आप इन बदलावों से खुश हैं या कोई सवाल है? हमें कमेंट में बताएं!

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