नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को Immigration and Foreigners Bill, 2025 पारित कर दिया गया। इस विधेयक के जरिए भारत में प्रवेश करने वाले विदेशियों की सख्त निगरानी सुनिश्चित की जाएगी और राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि भारत कोई ‘धर्मशाला’ (शरण स्थल) नहीं है, जहां कोई भी आकर बस सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुसंधान और व्यापार के उद्देश्य से भारत आना चाहते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सरकार का कड़ा रुख
अमित शाह ने संसद में कहा, “भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है। जो भी गलत मंशा से यहां आने की कोशिश करेगा, उसे प्रवेश नहीं दिया जाएगा। लेकिन जो देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं, उनके लिए दरवाजे खुले हैं।”
उन्होंने कहा कि यह विधेयक भारत की अर्थव्यवस्था, व्यापार, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों को मजबूती देगा। इसके अलावा, भारत आने वाले प्रत्येक विदेशी नागरिक की अद्यतन जानकारी उपलब्ध रहेगी, जिससे सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।
अवैध घुसपैठ पर सख्त प्रावधान
गृह मंत्री ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि व्यक्तिगत लाभ के लिए भारत में शरण लेने वालों की संख्या बढ़ रही है, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई घुसपैठिया भारत में अशांति फैलाने की कोशिश करेगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
तृणमूल कांग्रेस पर निशाना, सीमा पर बाड़बंदी अधूरी
अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अवैध घुसपैठ पर सख्त कार्रवाई नहीं कर रही है।
उन्होंने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर 450 किलोमीटर की बाड़बंदी का काम अधूरा है क्योंकि राज्य सरकार इसके लिए जमीन नहीं दे रही।
“जब भी बाड़ लगाने का काम शुरू होता है, तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हंगामा करते हैं और धार्मिक नारेबाजी की जाती है। देश की सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” – अमित शाह
Immigration विधेयक 2025 के मुख्य प्रावधान
फर्जी पासपोर्ट या वीजा के जरिए भारत में प्रवेश करने, यहां ठहरने या देश से बाहर जाने पर 7 साल तक की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
होटल, विश्वविद्यालय, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल और नर्सिंग होम को विदेशियों की जानकारी अनिवार्य रूप से रिपोर्ट करनी होगी, ताकि अवैध रूप से ठहरे विदेशी नागरिकों की निगरानी की जा सके।
बिना वैध पासपोर्ट या अन्य दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करने वाले किसी भी विदेशी को 5 साल तक की सजा या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
यह विधेयक चार पुराने कानूनों को निरस्त करेगा—
- पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920
- विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1939
- विदेशियों अधिनियम, 1946
- Immigration (Carriers’ Liability) अधिनियम, 2000
निष्कर्ष
नरेंद्र मोदी सरकार ने इस नए Immigration and Foreigners Bill, 2025 को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ा कदम बताया है। यह विधेयक न केवल अवैध घुसपैठ पर लगाम लगाएगा, बल्कि भारत को एक सशक्त और सुरक्षित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।