सिलिगुड़ी में हाल ही में आयोजित भारत डाक विभाग, पश्चिम बंगाल सर्किल की एक महत्वपूर्ण बैठक में स्थानीय व्यापारियों और निर्यातकों की आवाज़ गूंजी। इस बैठक की अध्यक्षता श्री सुप्रियो घोष, पोस्टमास्टर जनरल (मेल्स एवं बिज़नेस डेवलपमेंट) ने की। इसमें MSME Development & Facilitation Office, NSIC Ltd., Federation of Chambers of Commerce & Industry of North Bengal समेत कई प्रमुख संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
इस अवसर पर मैंने, रंजीता – संस्थापक, Dream of Soul, एक ग्रीन MSME और निर्यात उद्यमी के रूप में अपनी बात रखी। मेरा मक़सद केवल अपनी कंपनी का मुद्दा उठाना नहीं था, बल्कि उन अनगिनत उद्यमियों की चिंता सामने लाना था जो भारत से वैश्विक बाज़ार तक जाने की राह तलाश रहे हैं।
निर्यातकों की मौजूदा हकीकत और चुनौतियाँ
भारतीय डाक विभाग (India Post) देश की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी नेटवर्किंग सेवा है। यह हर गाँव तक पहुंचती है और विश्व स्तर पर 200 से अधिक देशों में parcels भेजती है। EMS (Express Mail Service), ITPS (International Tracked Packet Service) और Air Mail Service (AMS) जैसे विकल्प छोटे उद्यमियों के लिए मौजूद हैं।
- EMS की अधिकतम सीमा 35 किलो है (कुछ देशों के लिए 30 किलो)।
- ITPS केवल छोटे पैकेट (2 किलो तक) के लिए है.
- India Post ने APIs और digital tracking tools भी शुरू किए हैं, जिनमें Tracking, Rate Calculator और Booking APIs शामिल हैं।
इन सुविधाओं के बावजूद, जब हम practical shipping करते हैं, तो कई ऐसी चुनौतियाँ सामने आती हैं जिनका समाधान जरूरी है।

सात बड़े सवाल और उनके व्यावहारिक समाधान
1. डेटा सुरक्षा और ग्राहक विश्वास
निजी लॉजिस्टिक कंपनियों में कई बार डेटा लीक हो जाता है और scammers exporter को कॉल करके धोखा देते हैं। India Post को अपनी data protection policies को अधिक स्पष्ट और publicly accessible बनाना चाहिए। यदि सरकार-backed सिस्टम इस भरोसे की गारंटी देगा, तो उद्यमियों को सुरक्षित विकल्प मिलेगा।
2. नए उद्यमियों को onboarding में मदद
आज भी कई MSMEs निर्यात इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें दस्तावेज़ी प्रक्रिया (GST, LUT, AD Code, Country of Origin आदि) में दिक्कत होती है। India Post यदि “Export Starter Kit” जैसी सुविधा दे, जहाँ documentation + shipping guidance एक साथ मिले, तो यह हज़ारों नए exporters के लिए game-changer होगा।
3. कार्गो शिपिंग की ज़रूरत
भारत पोस्ट अभी container-level cargo shipments नहीं करता। लेकिन यदि इसे शुरू किया जाए तो यह private players को टक्कर देगा और छोटे उद्यमियों को bulk shipping का सरकारी सुरक्षित विकल्प मिलेगा।
4. विदेशी वेयरहाउसिंग
विदेशी वेयरहाउसिंग आज global logistics का future है। अगर India Post विभिन्न देशों में वेयरहाउसिंग की सुविधा शुरू करे, जहाँ exporter bulk parcel भेजकर local distribution कर सके, तो shipping cost बहुत कम होगी और भारतीय MSMEs global level पर प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।
5. Digital APIs और Automation
भले ही APIs मौजूद हैं, लेकिन इन्हें Shopify, Zoho, WhatsApp Marketing और n8n automation tools के साथ आसानी से plug-and-play बनाना होगा। इससे हर छोटे exporter के लिए digital transformation आसान होगा।
6. वज़न सीमा बढ़ाना
EMS की 35 किलो और ITPS की 2 किलो सीमा exporter को परेशान करती है। बार-बार parcels को divide करना महंगा और complex हो जाता है। अगर सीमा बढ़े, तो MSMEs stress-free shipping कर पाएंगे।
7. ग्रीन MSME और सब्सिडी
Dream of Soul जैसी ग्रीन MSMEs प्लास्टिक की जगह काँच के जार और इको-फ्रेंडली पैकेजिंग अपनाती हैं। लेकिन इससे वजन और shipping cost बढ़ता है। अगर India Post ग्रीन पैकेजिंग को subsidy या concession दे, तो न केवल sustainability को बढ़ावा मिलेगा बल्कि भारत की green branding भी मजबूत होगी।
यह केवल मेरी कहानी नहीं है
मैं, रंजीता, Dream of Soul की संस्थापक होने के साथ-साथ, उन हज़ारों नए उद्यमियों की प्रतिनिधि भी हूँ जो भारत को “green economy + export powerhouse” बनाना चाहते हैं।
मेरी अपील केवल मेरी कंपनी के लिए नहीं है, यह हर उस उद्यमी के लिए है जो:
- Data सुरक्षा चाहता है,
- सस्ती और bulk shipping चाहता है,
- दस्तावेज़ी मार्गदर्शन चाहता है,
- और environment-friendly packaging अपनाकर दुनिया में भारत की पहचान बनाना चाहता है।
भारत पोस्ट 2.0 की ओर
भारत पोस्ट के पास पहले से एक मजबूत नेटवर्क और global reach है। लेकिन अब वक्त है कि यह network next-generation उद्यमियों की ज़रूरतों के साथ evolve करे।
- डेटा सुरक्षा को priority बनाकर,
- cargo और warehousing solutions देकर,
- digital APIs को modernize करके,
- और green MSMEs को subsidies देकर—
इंडिया पोस्ट 2.0 न केवल private logistics कंपनियों का विकल्प बनेगा, बल्कि भारत के निर्यातकों का पहला भरोसेमंद साथी भी बनेगा।
निष्कर्ष
सिलिगुड़ी की यह बैठक सिर्फ़ एक discussion नहीं थी, यह एक call to action था।
हम उद्यमियों की आवाज़ है: “हम चाहते हैं कि भारत पोस्ट सिर्फ़ डाक विभाग न रहे, बल्कि भारत के हर निर्यातक का growth partner बने।”