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सोशल मीडिया पर बहन-बेटियों का अपमान: मानसिकता पर सवाल

डिडोन मिसरी व हिमांशी नरवाल पर अश्लील हमले सोशल मीडिया की गिरती सोच को उजागर करते हैं। बेटियों के फोटो तक को ट्रोल कर गाली-गलौज करना समाज की बीमार मानसिकता दिखाता है।

हिमांशी नरवाल पर अश्लील आक्रमण के बाद अब देश की जानी-मानी कॉर्पोरेट लॉयर डिडोन मिसरी भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छतरी के नीचे पले लोगों के आक्रमण का शिकार बनी हैं।

14 नवंबर 2015 को लंदन के वेम्बली स्टेडियम में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सेल्फी विद डॉटर’ मुहिम शुरू की थी, तो इसे एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन बताया गया था। इस अभियान से प्रभावित होकर डिडोन के पिता ने उनकी एक सेल्फी सोशल मीडिया पर साझा की थी।

अब करीब 10 साल बाद, उसी पुरानी फोटो को निकालकर डिडोन पर अश्लील मीम्स बनाए गए और उनके पिता के ट्विटर हैंडल पर हमले किए गए। उन्हें गद्दार, शर्मनाक और रीढ़हीन जैसे शब्दों से घेरा गया। बेटी की फोटो के नीचे ऐसे मीम्स देखकर विक्रम मिसरी को अंततः अपना सोशल मीडिया अकाउंट लॉक करना पड़ा।

यह पिता कोई साधारण व्यक्ति नहीं, बल्कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी हैं। हैरानी की बात यह है कि विक्रम मिसरी कश्मीरी पंडित हैं, फिर भी उनकी बेटी डिडोन को अश्लीलता की सारी सीमाएँ पार कर टारगेट किया गया। इसी तरह कुछ दिन पहले हिमांशी नरवाल को भी अश्लील तरीके से निशाना बनाया गया था।

यह सब उस देश में हो रहा है जहां बेटियों को “लक्ष्मी” कहा जाता है और औरतों की पूजा देवी के रूप में की जाती है। यही मानसिकता भारत को बलात्कार के मामलों में दुनिया के शीर्ष पर रखती है।

यह सही है कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर देश की भावना के अनुरूप नहीं था। देश एकजुट होकर चाहता था कि पाकिस्तान पर कब्ज़ा हो और बार-बार होने वाली उरी, पठानकोट, पुलवामा और पहलगाम जैसी घटनाओं से मुक्ति मिले।

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भारतीय सेना देश की उस भावना को पूरा करने के लिए काफी आगे बढ़ चुकी थी। अगर उसे 3-4 दिन की और मोहलत मिल जाती, तो शायद सिर्फ POK ही नहीं बल्कि पूरा पाकिस्तान हमारे नियंत्रण में होता।

जीत की सुगंध आने लगी थी। ऐसा लग रहा था कि यह रात पाकिस्तान के अस्तित्व पर भारी पड़ने वाली है। मीडिया “पाकिस्तान की आखिरी रात” जैसे थंबनेल से देश में उत्साह और रोमांच को दोगुना कर रहा था। तभी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध में हस्तक्षेप कर सीज़फायर करा दिया और इसकी घोषणा भी कर दी।

तो अब लोग डोनाल्ड ट्रंप को गालियाँ दें, लेकिन अपने चरित्र को सुधार नहीं सकते। वे ट्रंप की बेटी इवांका को भी अश्लील मीम्स और गालियों से ट्रोल करते हैं।

सीज़फायर में विक्रम मिसरी और उनकी बेटी डिडोन मिसरी का क्या दोष? वे तो बस अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। सरकार ने जो करने को कहा, वही आकर मीडिया के सामने कहा।

लेकिन सिर्फ इसी वजह से उन्हें गद्दार, राष्ट्रीय शर्म और रीढ़विहीन कहा गया। भक्तों का IQ स्तर देखिए, जिस मामले में दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश (अमेरिका) दखल दे रहा है, उसमें भी ये नहीं सोच पाते कि विक्रम मिसरी अकेले कैसे जिम्मेदार हो सकते हैं। विक्रम मिसरी सिर्फ एक IFS अधिकारी हैं, जिनका काम सरकार के फैसलों को लागू करना है।

असल में सच यह है कि अगर विक्रम मिसरी की बेटी डिडोन की फोटो सोशल मीडिया पर नहीं होती, तो उन पर ऐसा हमला नहीं होता। अगर हिमांशी नरवाल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर नहीं होतीं, तो उनके अश्लील चित्र नहीं बनाए जाते और न ही उन पर हमला होता।

कहने का मतलब साफ है, बहन-बेटियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर न डालें। ये लोग 10-15 साल बाद भी उन तस्वीरों का इस्तेमाल अश्लील मीम्स बनाने में कर सकते हैं। जब ये देश के सबसे बड़े नौकरशाह की बेटी और शहीद की पत्नी के साथ ऐसा कर सकते हैं, तो किसी के साथ भी कर सकते हैं। दरअसल, इनकी मानसिकता ही बलात्कारी है। इनसे सावधान रहिए।

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अनिल यादव एक वरिष्ठ पत्रकार हैं जो Anil Yadav Ayodhya के नाम से जाने जाते हैं। अनिल यादव की कलम सच्चाई की गहराई और साहस की ऊंचाई को छूती है। सामाजिक न्याय, राजनीति और ज्वलंत मुद्दों पर पैनी नज़र रखने वाले अनिल की रिपोर्टिंग हर खबर को जीवंत कर देती है। उनके लेख पढ़ने के लिए लगातार OBC Awaaz से जुड़े रहें, और ताज़ा अपडेट के लिए उन्हें एक्स (ट्विटर) पर भी फॉलो करें।

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