मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने चार घंटे के अंदर मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री कुँवर विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश DGP को दिया था, लेकिन समय-सीमा समाप्त होने के बाद भी FIR दर्ज नहीं हुई। कोर्ट ने शाम 6 बजे तक का समय दिया था।
मुझे तो जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की चिंता होने लगी है।
कौन बचा रहा है मंत्री विजय शाह को? समझिए कि वही विजय शाह, जो मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी को सरेआम मंच से कहता है, भाभी, भैया के साथ तो रोज जाती हो, आज हमारे साथ चलो।
उसके बावजूद, वह 20 साल से लगातार मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री है,शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में। तो क्या मुझे माननीय जजों की चिंता नहीं होनी चाहिए?
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमांशी नरवाल के, चार दिन पहले लगे सिंदूर को आतंकवादियों द्वारा पोंछे जाने के कारण सैन्य अभियान का नाम “ऑपरेशन सिंदूर” रखा। उसी हिमांशी नरवाल को गंदी-गंदी अश्लील गालियाँ दी गईं। ना कोई F.I.R. हुई, ना कोई गिरफ्तारी।
यहाँ तक कि देश के तीन-तीन प्रधानमंत्रियों, इंद्र कुमार गुजराल, डॉ. मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी, के निजी सचिव रहे विक्रम मिसरी और उनकी बेटी को भी अश्लील गालियाँ दी गईं।
ना कोई F.I.R. हुई, ना कोई गिरफ्तारी।
तो क्या मुझे माननीय जजों, जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की चि़ता होना चाहिए।
कौन बचाता है इन्हें?