भारत में क्रिकेट और मनोरंजन उद्योग दो प्रमुख मीडिया क्षेत्र हैं, जो न केवल जनता के लिए मनोरंजन का स्रोत हैं, बल्कि ब्रांड्स और विज्ञापनदाताओं के लिए भी महत्वपूर्ण मंच प्रदान करते हैं। इन दोनों क्षेत्रों में हाल के वर्षों में रिलायंस जियो की बढ़ती उपस्थिति ने प्रतिस्पर्धा और विज्ञापन परिदृश्य को प्रभावित किया है।
रिलायंस जियो का मीडिया क्षेत्र में प्रवेश
टेलीकॉम से मीडिया तक का सफर
रिलायंस जियो ने 2016 में टेलीकॉम क्षेत्र में प्रवेश किया और डेटा की कीमतों में भारी गिरावट लाकर बाजार में क्रांति ला दी। इसके बाद, कंपनी ने मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में भी कदम रखा, जिसमें JioCinema और Viacom18 जैसे प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
डिज़्नी के साथ विलय
2024 में, रिलायंस और डिज़्नी के बीच $8.5 बिलियन का विलय हुआ, जिससे एक नई संयुक्त इकाई बनी, जो भारत के मीडिया परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गई। इस विलय के बाद, कंपनी के पास 70 से अधिक टीवी चैनल और दो प्रमुख स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म (JioCinema और Disney+ Hotstar) हैं।
क्रिकेट ब्रॉडकास्टिंग में रिलायंस की भूमिका
आईपीएल मीडिया अधिकार
2022 में, Viacom18 ने 2023 से 2027 तक के लिए आईपीएल के डिजिटल मीडिया अधिकार 23,758 करोड़ रुपये में हासिल किए। इसके बाद, JioCinema ने आईपीएल 2023 को मुफ्त में स्ट्रीम किया, जिससे दर्शकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई।
विज्ञापन रणनीति
JioCinema ने आईपीएल के दौरान विज्ञापनदाताओं को आकर्षित करने के लिए न्यूरोसाइंस तकनीकों का उपयोग किया, जिसमें ब्रेन मैपिंग शामिल है। इसके माध्यम से कंपनी ने विज्ञापनदाताओं को यह दिखाने की कोशिश की कि उनके प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन अन्य प्लेटफॉर्म की तुलना में अधिक प्रभावी हैं।
मनोरंजन उद्योग में रिलायंस की पकड़
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स
JioCinema ने विभिन्न भाषाओं में कंटेंट उपलब्ध कराकर और कम कीमत पर सब्सक्रिप्शन प्लान्स पेश करके दर्शकों को आकर्षित किया। अप्रैल 2024 में, JioCinema ने प्रीमियम सब्सक्रिप्शन सेवा शुरू की, जिसकी कीमत ₹29 प्रति माह से शुरू होती है।
विज्ञापनदाताओं के लिए अवसर
JioCinema ने छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए विज्ञापन पैकेज पेश किए, जिनकी कीमत ₹50,000 से शुरू होती है। इसके अलावा, प्लेटफॉर्म ने शहर-स्तरीय टार्गेटिंग और सेल्फ-सर्व विज्ञापन प्रबंधन की सुविधा भी प्रदान की।
प्रतिस्पर्धा पर प्रभाव
विज्ञापन दरों में वृद्धि
रिलायंस ने आईपीएल स्ट्रीमिंग के लिए विज्ञापन दरों में 25% तक की वृद्धि की। हालांकि, कुछ छोटे व्यवसायों के लिए यह दरें अभी भी अधिक हैं, और वे अन्य प्लेटफॉर्म्स जैसे यूट्यूब और इंस्टाग्राम को अधिक किफायती मानते हैं।
बाजार में एकाधिकार की आशंका
विज्ञापन उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि रिलायंस और डिज़्नी के विलय से एक प्रमुख खिलाड़ी का उदय हुआ है, जो भारतीय खेल प्रसारण उद्योग में लगभग 75-80% हिस्सेदारी रखता है। इससे विज्ञापनदाताओं की सौदेबाजी की शक्ति में कमी आ सकती है।
रिलायंस जियो की रणनीति से प्रतिस्पर्धियों की मुश्किलें बढ़ीं
रिलायंस जियो ने Viacom18, JioCinema और डिज़्नी के साथ विलय के ज़रिए भारतीय मीडिया में जबरदस्त पकड़ बना ली है, जिससे उसके प्रमुख प्रतिस्पर्धी डिज़्नी+ हॉटस्टार, ज़ी एंटरटेनमेंट, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क, नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम वीडियो, टाटा प्ले, डीडी स्पोर्ट्स और ALTBalaji जैसे प्लेटफॉर्म्स प्रभावित हुए हैं। आईपीएल जैसे प्रीमियम कंटेंट की मुफ्त स्ट्रीमिंग, न्यूनतम सब्सक्रिप्शन प्लान और सस्ते विज्ञापन पैकेज के ज़रिए जियो ने दर्शकों और ब्रांड्स को तेजी से अपनी ओर खींचा है, जिससे बाकी खिलाड़ियों की बाजार हिस्सेदारी और मुनाफा दोनों घटते जा रहे हैं।
नियामक चिंताएं
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने रिलायंस और डिज़्नी के विलय को मंजूरी दी, लेकिन कुछ शर्तों के साथ, जैसे कुछ क्षेत्रीय टीवी चैनलों को बंद करना और विज्ञापन प्रथाओं पर आश्वासन देना। आयोग ने यह भी चिंता व्यक्त की कि यह विलय क्रिकेट प्रसारण अधिकारों पर अत्यधिक नियंत्रण प्रदान कर सकता है।
रिलायंस जियो ने क्रिकेट और मनोरंजन उद्योग में अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है, जिससे विज्ञापन और प्रसारण परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। हालांकि, इस बढ़ती पकड़ से प्रतिस्पर्धा पर प्रभाव पड़ा है, और नियामक निकायों ने भी इस पर ध्यान दिया है। भविष्य में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह स्थिति भारतीय मीडिया उद्योग को कैसे प्रभावित करती है।