ISRO ने रविवार को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। उसने अपना 101वां सैटेलाइट EOS-09 को PSLV-C61 के जरिए सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। यह लॉन्च सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से सुबह किया गया।
ISRO ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी
लिफ्टऑफ! ISRO का 101वां मिशन PSLV-C61 के जरिए रवाना हुआ।
🚀 LIFTOFF!
— ISRO (@isro) May 18, 2025
ISRO’s 101st launch mission takes flight aboard PSLV-C61
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EOS-09: निगरानी और रणनीति में अहम
EOS-09 को सूर्य समकालिक ध्रुवीय कक्षा (SSPO) में भेजा गया है। यह सैटेलाइट C-बैंड सिंथेटिक अपर्चर रडार से लैस है, जिससे यह दिन-रात और हर मौसम में ज़मीन की हाई-रेज़ इमेज ले सकता है। इसका इस्तेमाल कृषि, वन, आपदा प्रबंधन, सीमाई निगरानी और सैन्य कामों में होगा।
इसमें डिऑर्बिटिंग फ्यूल सिस्टम भी है, जिससे मिशन खत्म होने पर इसे सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जा सकेगा। ये ISRO के ज़िम्मेदार अंतरिक्ष प्रबंधन की मिसाल है।
PSLV का 63वां मिशन, XL वर्जन की 27वीं फ्लाइट
PSLV की यह 63वीं उड़ान थी और 27वीं बार PSLV-XL वर्जन का इस्तेमाल किया गया। ISRO ने कहा,
PSLV ने एक बार फिर सटीकता और भरोसे का प्रदर्शन किया है।
सीमाओं की सुरक्षा में मददगार
ISRO के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डब्ल्यू सेल्वमूर्ति ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि EOS-09 धरती की सतह पर होने वाले बदलावों की मॉनिटरिंग करेगा और इससे कृषि से लेकर सेना तक कई क्षेत्रों में मदद मिलेगी।
लॉन्च देखने को नहीं मिली इजाज़त
लॉन्च के दौरान सुरक्षा के चलते आम जनता को देखने की अनुमति नहीं मिली। भारत-पाक तनाव के मद्देनज़र यह फैसला लिया गया। इसके बावजूद कई लोग श्रीहरिकोटा पहुंचे।
रानीपेट से आए एक बच्चे ने कहा,
हम इतनी दूर से आए, लेकिन लॉन्च नहीं देख पाए। फिर भी मुझे गर्व है कि मैं यहां आया।
एक युवा दर्शक ने कहा,
मैं ISRO का चेयरमैन बनना चाहता हूं। इस बार नहीं देख सका, लेकिन अगली बार ज़रूर आऊंगा। मुझे स्पेस साइंस बहुत पसंद है।
EOS-09 का ये मिशन भारत के लिए तकनीक, सुरक्षा और स्पेस रिसर्च में एक और बड़ा कदम है।