जेफरी एप्सटीन की कुख्यात कहानी, एक ऐसा नाम जो विश्व भर में कुख्यात अपराधों और साजिश के सिद्धांतों का पर्याय बन चुका है। हाल ही में, टेस्ला और X के मालिक एलन मस्क ने दावा किया कि जेफरी एप्सटीन की गोपनीय फाइलों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम बार-बार आता है। इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी, बल्कि एप्सटीन के काले कारनामों को फिर से सुर्खियों में ला दिया। यह लेख एप्सटीन की कहानी, उसके अपराधों, और मस्क के दावों के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें उसकी रहस्यमयी मृत्यु और साजिश के सिद्धांत भी शामिल हैं।
जेफरी एप्सटीन का उदय और साम्राज्य
जेफरी एप्सटीन का जन्म 20 जनवरी, 1953 को न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की, लेकिन बिना डिग्री लिए वॉल स्ट्रीट की चमक-दमक वाली दुनिया में कदम रख दिया। पहले एक स्कूल शिक्षक के रूप में काम करने के बाद, उन्होंने 1980 के दशक में अपनी वित्तीय सलाहकार कंपनी शुरू की। जल्द ही, वह दुनिया के सबसे धनी और प्रभावशाली लोगों के लिए धन प्रबंधन करने लगा।
एप्सटीन की सफलता का आधार उसका विशाल सामाजिक नेटवर्क था। वह राजनेताओं, उद्योगपतियों, वैज्ञानिकों और हॉलीवुड सितारों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाता था। बिल क्लिंटन, प्रिंस एंड्र्यू, और डोनाल्ड ट्रंप जैसे लोग उसके परिचितों में शामिल थे। इस नेटवर्क ने उसे अपने अपराधों को लंबे समय तक छिपाने में मदद की।
पाम बीच और वर्जिन आइलैंड्स: अपराध का अड्डा
एप्सटीन ने फ्लोरिडा के पाम बीच और वर्जिन आइलैंड्स में आलीशान फार्महाउस बनाए। ये स्थान न केवल उसकी विलासिता का प्रतीक थे, बल्कि उसके काले कारनामों का केंद्र भी थे। इन फार्महाउसों में वह दुनिया भर के प्रभावशाली लोगों को आमंत्रित करता था। इनमें राजनेता, व्यापारी, और अन्य बड़े नाम शामिल थे। लेकिन इन सभाओं का असली मकसद कुछ और था।
आरोप है कि एप्सटीन इन फार्महाउसों में 14 साल से कम उम्र की नाबालिग लड़कियों को लाकर उनके साथ यौन शोषण करता था और उन्हें अपने मेहमानों के सामने परोसता था। वह इन लड़कियों को पैसे, उपहार, या डर के बल पर अपने जाल में फंसाता था। यह एक संगठित मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति का रैकेट था, जिसे एप्सटीन ने अपनी ताकत और रसूख के दम पर वर्षों तक चलाया।

पाम बीच और वर्जिन आइलैंड्स
मानव तस्करी और यौन शोषण के गंभीर आरोप
2005 में, फ्लोरिडा पुलिस को एक शिकायत मिली कि एप्सटीन ने एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण किया था। इस शिकायत ने एक जांच की शुरुआत की, जिसने उसके अपराधों को उजागर किया। FBI की जांच में पता चला कि एप्सटीन ने कम से कम 36 नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण किया था। ये लड़कियां ज्यादातर गरीब और कमजोर पृष्ठभूमि से थीं, जिन्हें वह आसानी से लालच या डराकर अपने जाल में फंसा लेता था।
एप्सटीन इन लड़कियों को मसाज के बहाने अपने फार्महाउस में बुलाता था। वहां उन्हें पैसे देकर या धमकाकर उनके साथ यौन शोषण किया जाता था। इसके बाद, इन लड़कियों को उसके VIP मेहमानों के सामने पेश किया जाता था, जिनमें कई प्रभावशाली लोग शामिल थे। जांच में यह भी सामने आया कि एप्सटीन ने अपने अपराधों को छिपाने के लिए एक जटिल नेटवर्क बनाया था, जिसमें उसकी सहयोगी गिसलेन मैक्सवेल की अहम भूमिका थी। मैक्सवेल पर आरोप था कि वह लड़कियों को भर्ती करने और उन्हें तैयार करने का काम करती थी।
2008 का विवादास्पद सौदा
2008 में, गंभीर आरोपों के बावजूद, एप्सटीन को केवल 13 महीने की जेल की सजा मिली, जिसमें उसे दिन में 12 घंटे बाहर रहने की अनुमति थी। यह सजा इतने बड़े अपराधों के लिए बेहद हल्की मानी गई। इस सौदे ने जनता और मीडिया में भारी नाराजगी पैदा की। तत्कालीन अभियोजक अलेक्जेंडर अकोस्टा की भूमिका पर सवाल उठे, जिन्हें बाद में ट्रंप प्रशासन में श्रम सचिव बनाया गया, लेकिन इस मामले के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
2019 की गिरफ्तारी और रहस्यमयी मृत्यु
2019 में, #MeToo आंदोलन और जनता के दबाव के बाद, एप्सटीन को फिर से गिरफ्तार किया गया। इस बार FBI ने मानव तस्करी और यौन शोषण के गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा चलाने की तैयारी की। लेकिन 10 अगस्त, 2019 को, न्यूयॉर्क की जेल में एप्सटीन की रहस्यमयी मृत्यु हो गई। आधिकारिक तौर पर इसे फांसी लगाकर आत्महत्या बताया गया। हालांकि, जेल में सुरक्षा की कमी, कैमरों का काम न करना, और गार्ड्स की लापरवाही ने साजिश के सिद्धांतों को हवा दी।
कई लोगों का मानना है कि एप्सटीन की हत्या की गई थी ताकि वह अपने प्रभावशाली ग्राहकों के नाम उजागर न कर सके। इन सिद्धांतों को और बल तब मिला जब यह सामने आया कि उसके पास बिल क्लिंटन, प्रिंस एंड्र्यू, और अन्य बड़े नामों के साथ संबंध थे। आज तक, उसकी मृत्यु एक रहस्य बनी हुई है, और साजिश के सिद्धांत चर्चा में हैं।
एलन मस्क का दावा और ट्रंप का जवाब
आजतक की पोस्ट के अनुसार, हाल ही में एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दावा किया कि जेफरी एप्सटीन की फाइलों में डोनाल्ड ट्रंप का नाम बार-बार आता है। मस्क ने यह भी लिखा कि इसी वजह से इन फाइलों को सार्वजनिक नहीं किया गया है। हालांकि, एलन मस्क ने अपने इस दावे के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया और कुछ समय बाद अपनी पोस्ट को हटा लिया। लेकिन इस दावे ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया।
ट्रंप और एप्सटीन के बीच संबंध पुराने हैं। दोनों को 1990 और 2000 के दशक में कई सामाजिक आयोजनों में देखा गया था। 2002 में, ट्रंप ने एप्सटीन को शानदार व्यक्ति कहा था, लेकिन बाद में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने उससे दूरी बना ली थी। मस्क के दावों के जवाब में, ट्रंप ने उन्हें पागल करार दिया और कहा कि वह मस्क से बात करने में रुचि नहीं रखते। व्हाइट हाउस ने मस्क के दावों को बेबुनियाद बताया।

ट्रंप और एप्सटीन
एप्सटीन फाइलें और सच्चाई की मांग
एप्सटीन की फाइलें FBI और अन्य जांच एजेंसियों द्वारा संकलित दस्तावेज हैं, जिनमें फ्लाइट लॉग, कॉन्टैक्ट लिस्ट, और कोर्ट रिकॉर्ड शामिल हैं। जनवरी 2024 और फरवरी 2025 में कुछ दस्तावेज सार्वजनिक किए गए, जिनमें ट्रंप का नाम फ्लाइट लॉग में था, लेकिन उनमें कोई अपराध का सबूत नहीं था। फिर भी, कई फाइलें अभी भी गोपनीय हैं, जिसके कारण पारदर्शिता की मांग बढ़ रही है।
मस्क के दावों के बाद, डेमोक्रेट सांसदों ने शेष फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग की है। X पर लोग भी इन फाइलों को खोलने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इनमें कई प्रभावशाली लोगों के नाम हो सकते हैं।
गिसलेन मैक्सवेल की भूमिका
एप्सटीन की सहयोगी गिसलेन मैक्सवेल इस मामले में एक प्रमुख व्यक्ति थीं। 2020 में उनकी गिरफ्तारी हुई, और 2021 में उन्हें नाबालिग लड़कियों की तस्करी और यौन शोषण में सहायता के लिए 20 साल की सजा सुनाई गई। उनकी सजा ने यह साबित किया कि एप्सटीन का नेटवर्क केवल उस तक सीमित नहीं था।

जेफरी एपस्टीन और गिस्लेन मैक्सवेल