उत्तराखंड में राजनीतिक माहौल फिर गरमा गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सत्ताधारी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि धामी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में हर मोर्चे पर घोटालों का बोलबाला है और जनता को अब जवाब चाहिए।
वन निगम से शुरू हुआ आरोपों का सिलसिला
करण माहरा ने कहा कि वन निगम में बड़ा घोटाला किया गया है। 3 फरवरी 2025 को विभाग द्वारा ‘मालदारी ठेकेदारी प्रथा’ दोबारा लागू की गई, जबकि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है।
उन्होंने बताया कि कोटद्वार के बनियाली क्षेत्र में रेत का ठेका मात्र ₹1 प्रति घन मीटर में दे दिया गया, जो स्पष्ट रूप से राजस्व घाटा और मिलीभगत की ओर इशारा करता है। हरिद्वार और लालकुआं में भी क्रमशः ₹19 लाख और ₹1.51 करोड़ रुपये के घोटालों का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने इन पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की।
आंगनबाड़ी में बच्चों को सड़ा राशन!
खाद्य विभाग पर सवाल उठाते हुए माहरा ने बताया कि देहरादून के जिलाधिकारी द्वारा की गई छापेमारी में सामने आया कि आंगनबाड़ी के बच्चों को सड़ा हुआ राशन दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस शर्मनाक लापरवाही के बावजूद किसी अधिकारी पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। सबसे गंभीर बात यह है कि ₹430 करोड़ खर्च करने के बावजूद प्रदेश में कुपोषण की दर ढाई गुना बढ़ गई है।
राष्ट्रीय खेल और बिना टेंडर का खेल!
राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों को लेकर माहरा ने कहा कि ठेके और खरीदारी में पारदर्शिता नहीं बरती गई। लाखों की खरीदारी बिना टेंडर प्रक्रिया के की गई, जिसमें पदक से लेकर निर्माण कार्य तक शामिल हैं।
नौकरी घोटाले और सहकारिता विभाग की चुप्पी
कोरोना काल के दौरान 428 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर सवाल उठाते हुए माहरा ने कहा कि मंत्री ने एसआईटी बनाई थी, लेकिन उसके बाद न कोई रिपोर्ट आई, न ही कोई कार्रवाई।
साथ ही उन्होंने महिलाओं से LUCC (लघु उद्यम क्रेडिट कार्ड) योजना में धोखाधड़ी का भी मुद्दा उठाया और कहा कि सहकारिता विभाग पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है।
कांग्रेस का एलान: “सड़क से विधानसभा तक लड़ाई”
करण माहरा ने साफ तौर पर चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन गंभीर मुद्दों पर जवाब नहीं दिया, तो कांग्रेस राज्यभर में आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा:
“जनता अब सिर्फ भाषण नहीं, जवाब और कार्रवाई चाहती है। घोटालों पर चुप्पी नहीं चलेगी।”