अगर तुम्हें लगता है कि अब कभी भारत के लिए नहीं खेल पाओगे, तो क्या हमारे साथ लंबा कॉन्ट्रैक्ट साइन करोगे और सभी फॉर्मेट्स में ओवरसीज़ खिलाड़ी बनकर खेलोगे?”
ये सवाल था जो 2023 में नॉर्थहैम्पटनशायर के कोच जॉन सैडलर ने करुण नायर से किया था।
नायर का जवाब साफ था:
मैं भारत के लिए खेलना चाहता हूं। जब तक ये सपना जिंदा है, मैं किसी और चीज़ के बारे में सोच भी नहीं सकता।
अब 33 साल के करुण नायर, जिन्होंने आखिरी बार 2017 में भारत के लिए टेस्ट खेला था, एक बार फिर टीम इंडिया में लौट आए हैं। वो इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में शुरू हो रही टेस्ट सीरीज़ का हिस्सा होंगे। हाल ही में उन्होंने इंग्लैंड लॉयन्स के खिलाफ प्रैक्टिस मैच में 204 रनों की शानदार पारी खेली थी।
शुरुआत धमाकेदार, फिर गुमनामी
2016 में करुण नायर ने अपने तीसरे ही टेस्ट में नाबाद 303 रन बनाकर तहलका मचा दिया था। वीरेंद्र सहवाग के बाद तिहरा शतक लगाने वाले वो सिर्फ दूसरे भारतीय बने थे।
लेकिन इसके बाद उनका करियर ढलान पर चला गया। उन्होंने सिर्फ तीन और टेस्ट खेले। 2022 में तो कर्नाटक की रणजी टीम से भी बाहर कर दिए गए। करियर का शायद सबसे मुश्किल दौर था वो।
उनके कोच विजयकुमार माड्यालकर बताते हैं,
वो बहुत टूट गया था। मेरे पास आया और बोला, जो भी करना पड़े, करूंगा। बस एक बार फिर खेलने का मौका चाहिए।
नायर बेंगलुरु से कोच की अकादमी तक हर दूसरे दिन दो घंटे का सफर करता था। घंटों प्रैक्टिस करता, हर सेशन में करीब 600 गेंदें खेलता।
कोच ने कहा, जब तक खुद से संतुष्ट न हो, नेट्स से बाहर नहीं आता था। हर बॉल को सीरियसली लेता था।
काउंटी में नई शुरुआत
भारत में मौके कम होते देख नायर ने इंग्लैंड का रुख किया और नॉर्थहैम्पटनशायर के लिए विदेशी खिलाड़ी के तौर पर खेलने लगे। यहीं से करियर की वापसी की कहानी शुरू हुई।
कोच सैडलर ने कहा,
ऐसे खिलाड़ी जो खुद को साबित करने आते हैं, वो अक्सर कुछ खास कर जाते हैं। नायर में भूख थी, जुनून था, और वो उसके खेल में दिखता था।
एडबैस्टन की हरियाली भरी पिच पर पहले ही मैच में 78 रन बनाए। फिर सरे के खिलाफ 150 रनों की पारी खेली। तीन मैचों में 249 रन बनाए।
2024 में उन्होंने सात मैचों में 487 रन बनाए, जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल था। उनका प्रोफेशनल एटिट्यूड और लगातार अच्छा प्रदर्शन सिलेक्टर्स को इंप्रेस करने में कामयाब रहा।
सैडलर ने कहा, हर सेशन के लिए पूरी तैयारी करता था। हर रन के लिए लड़ता था।
टीम इंडिया में वापसी
घरेलू क्रिकेट में भी नायर ने अच्छा प्रदर्शन जारी रखा, लेकिन काउंटी क्रिकेट ने उन्हें फिर से नेशनल टीम के दरवाज़े पर ला खड़ा किया।
टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने भी कहा,
करुण का अनुभव हमारे लिए बहुत जरूरी होगा। वो शानदार फॉर्म में है और इंग्लैंड में उसका काउंटी अनुभव बहुत काम आएगा।
इंग्लैंड लॉयन्स के खिलाफ डबल सेंचुरी ने उनकी दावेदारी मजबूत कर दी। अब वो हेडिंग्ले में भारत की मिडल ऑर्डर को संभालने उतरेंगे।
कोच माड्यालकर को पूरा भरोसा है,
वो पहला टेस्ट जरूर खेलेगा… और शतक भी लगाएगा।
एक नई शुरुआत
करुण नायर की कहानी सिर्फ कमबैक की नहीं है। ये कहानी है कभी हार न मानने की। छह साल बाद फिर से भारत की जर्सी पहनना उनकी मेहनत और जिद का नतीजा है।
अब सबकी नजरें लीड्स पर हैं, क्या नायर एक बार फिर अपने बल्ले से इतिहास दोहराएंगे?