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कटिहार के छात्रों की मांग: नया ओबीसी छात्रावास जरूरी, छात्रवृत्ति बढ़ाई जाए

कटिहार OBC छात्रावास में सीटें कम, छात्रवृत्ति भी अपर्याप्त; छात्रों ने नई हॉस्टल निर्माण व छात्रवृत्ति ₹1000 से बढ़ाकर ₹3000 करने की मांग की। सुविधाओं में सुधार की भी अपील।

कटिहार जिले में 2007 से चल रहे ओबीसी कल्याण बालक छात्रावास में आज भी सीटों को लेकर भारी मारामारी है। Live Hindustan की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस छात्रावास में सिर्फ 100 सीटें हैं, जबकि हर साल 200-250 छात्र आवेदन करते हैं। सीमित जगह की वजह से हर साल सिर्फ 20-25 नए छात्रों को ही मौका मिल पाता है। बाकी छात्र निराश होकर लौट जाते हैं और कई ओबीसी छात्र आवासीय शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

इसी वजह से छात्रों की मांग है कि जिले में कम से कम एक और छात्रावास बनाया जाए, जिसमें 100 से ज्यादा छात्र रह सकें।

अभी की हालत क्या है?

  • छात्रावास 2007 में केबी झा कॉलेज के पास बना था।
  • अब इसका नाम है, अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास।
  • यहां 11वीं से लेकर स्नातकोत्तर तक पढ़ने वाले छात्र रह सकते हैं, अगर वो किसी सरकारी या अर्द्ध-सरकारी कॉलेज में नामांकित हों।
  • हर महीने छात्रों को ₹1,000 की छात्रवृत्ति और 15 किलो अनाज मिलता है।

₹1,000 की स्कॉलरशिप में नहीं चलता खर्च

छात्रों का कहना है कि आज के समय में ₹1,000 में गुजारा मुमकिन नहीं। उनका मासिक खर्च करीब ₹3,000 तक पहुंच जाता है। ऐसे में उन्हें मजबूरन घर से पैसा लेना पड़ता है।

इसलिए मांग है कि छात्रवृत्ति ₹3,000 प्रति माह की जाए, ताकि आर्थिक बोझ थोड़ा हल्का हो सके।

सुरक्षा और भवन से जुड़ी दिक्कते

  • चारदीवारी बहुत छोटी है, जिससे बाहरी लोग अंदर आ जाते हैं। इसे ऊंचा किया जाना चाहिए।
  • मुख्य गेट और पूर्वी हिस्से में पानी भर जाता है, जिससे बदबू और गंदगी फैलती है।
  • पहले लगे अग्निशमन यंत्र अब नदारद हैं।
  • सीसीटीवी कैमरे हैं, लेकिन जेनरेटर खराब पड़ा है, क्योंकि रखरखाव के लिए कोई बजट नहीं है।
  • रंगाई-पुताई और मरम्मत सालों से नहीं हुई।

पढ़ाई की सुविधाएं अधूरी हैं

  • स्मार्ट क्लास और लाइब्रेरी तो हैं, लेकिन:
    • कंप्यूटर लैब नहीं है।
    • कोई प्रशिक्षित शिक्षक नहीं है।
    • लाइब्रेरी में पर्याप्त टेबल-कुर्सियां नहीं हैं।
    • प्रतियोगी परीक्षाओं की अच्छी किताबें नहीं मिलतीं।
    • केबिन लाइब्रेरी नहीं है, जिससे पढ़ाई में ध्यान लगाना मुश्किल होता है।

खेल और फिटनेस के लिए कुछ नहीं

  • छात्रावास में कोई खेल मैदान नहीं है।
  • छात्रों को खेल सामग्री भी ठीक से नहीं मिलती।
  • छात्रों की मांग है कि:
    • एक अलग खेल मैदान बनाया जाए।
    • जिम और ट्रेनर की सुविधा हो।

छात्रों की खास मांगें

  1. छात्रवृत्ति ₹3,000 प्रति माह की जाए।
  2. भवन की मरम्मत और रंगाई-पुताई समय पर हो।
  3. लाइब्रेरी में ज्यादा सीटें और अच्छी किताबें मिलें।
  4. खेलकूद की सुविधा और खेल का मैदान बने।
  5. ऑनलाइन कोचिंग और प्रतियोगी किताबों की सुविधा मिले।
  6. पौधारोपण जैसी पर्यावरण से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा मिले।

छात्रों की बात, उन्हीं की जुबानी

  • अमन कुमार: ₹1,000 से कुछ नहीं होता, कम से कम ₹3,000 होना चाहिए।
  • अंकित गुप्ता: हर साल ठीक से मेंटेनेंस होना चाहिए।
  • ब्रह्मदेव कुमार: पढ़ाई के साथ खेल भी ज़रूरी है।
  • बिनोद कुमार: ऑनलाइन कोचिंग मुफ्त में मिलनी चाहिए।
  • मोहित कुमार: लाइब्रेरी में प्रतियोगी किताबों की कमी है।
  • अमित यादव: पौधारोपण होना चाहिए, पर्यावरण भी ज़रूरी है।
  • शिवम कुमार: अच्छी किताबें और केबिन लाइब्रेरी की जरूरत है।
  • अंकुश कुमार: यहां से पढ़कर कई छात्र नौकरी पाए हैं।
  • दिलीप कुमार: सीटें बढ़नी चाहिए ताकि ज्यादा छात्रों को फायदा मिले।

अब इंतजार नहीं, फैसला चाहिए

कटिहार के ओबीसी छात्रावास में रहने वाले छात्र जिन बातों को उठा रहे हैं, वो बिल्कुल सही हैं। बेहतर शिक्षा, सुरक्षित माहौल और आर्थिक सहारा हर छात्र का हक है। अब ज़रूरत है कि सरकार इन मांगों को गंभीरता से सुने और जल्दी से कोई ठोस कदम उठाए।

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शिवम कुमार एक समर्पित और अनुभवी समाचार लेखक हैं, जो वर्तमान में OBCAWAAZ.COM के लिए कार्यरत हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में गहरी रुचि रखने वाले शिवम निष्पक्ष, तथ्यात्मक और शोध-आधारित समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं। उनका प्रमुख फोकस सामाजिक मुद्दों, राजनीति, शिक्षा, और जनहित से जुड़ी खबरों पर रहता है। अपने विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और सटीक लेखन शैली के माध्यम से वे पाठकों तक विश्वसनीय और प्रभावशाली समाचार पहुँचाने का कार्य करते हैं। शिवम कुमार का उद्देश्य निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता के जरिए समाज में जागरूकता फैलाना और लोगों को सटीक जानकारी प्रदान करना है।

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