केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को साफ कहा कि सरकार की पूरी कोशिश है कि खरीफ सीज़न में फसल ज़्यादा उगे और किसानों का खर्च घटे। इसके लिए एक नई प्लानिंग बनाई गई है जिसमें वैज्ञानिकों और किसानों को सीधे जोड़ा जाएगा।
उन्होंने ये बात सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए कही। चौहान बोले:
खेती हमारे देश की रीढ़ है, इससे रोज़गार, आमदनी और खाने की ज़रूरतें पूरी होती हैं। इसलिए अब फोकस है, ज़्यादा फसल, कम खर्च।
उन्होंने बताया कि ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) में 16 हजार से ज़्यादा वैज्ञानिक काम कर रहे हैं और अब उनका काम सीधे खेतों तक पहुंचेगा। इसके लिए एक खास अभियान शुरू होगा विकसित कृषि संकल्प अभियान।
इस साल अनाज की रिकॉर्ड पैदावार
चौहान ने कहा कि 2024-25 में देश में कुल 1663.91 लाख टन अनाज पैदा हुआ, जो पिछले साल के मुकाबले 106 लाख टन ज़्यादा है।
- पिछले साल: 1557.6 लाख टन
- इस साल: 1663.91 लाख टन
रबी फसल का आंकड़ा भी बढ़ा है –
- 2023-24: 1600.06 लाख टन
- 2024-25: 1645.27 लाख टन
चौहान बोले: हम सिर्फ भारत की ज़रूरतें नहीं, दुनिया की भूख भी मिटाना चाहते हैं। हमारा सपना है, भारत एक दिन दुनिया का अन्नदाता बने।
नई सोच वन नेशन, वन एग्रीकल्चर, वन टीम
रविवार को महाराष्ट्र में हुए कृषि संवाद कार्यक्रम में चौहान ने एक नई सोच पेश की। उन्होंने कहा: अगर देश की सारी कृषि एजेंसियां साथ मिलकर काम करें, तो खेती में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
इस आइडिया को नाम दिया गया है, वन नेशन, वन एग्रीकल्चर, वन टीम।
पुणे में खुलेगी नई लैब, किसानों को मिलेंगे बेहतर पौधे
चौहान ने एक और ऐलान किया कि पुणे में एक नेशनल लेवल की लैब बनाई जाएगी। इस लैब में पौधों की शुद्ध नस्लों पर रिसर्च होगा। इसे क्लीन प्लांट प्रोग्राम के तहत बनाया जाएगा ताकि किसानों को बीमारी-रहित और अच्छी क्वालिटी के पौधे मिल सकें।
इस बात की जानकारी उन्होंने नागपुर में विदर्भ के किसानों के साथ बातचीत के दौरान दी।