लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पारित होने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इसे सख्त शब्दों में खारिज किया और घोषणा की कि डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
गुरुवार को तमिलनाडु विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, “तमिलनाडु इस कानून के खिलाफ मजबूती से लड़ेगा और इसमें सफल भी होगा।” इसके साथ ही, डीएमके विधायकों ने विधानसभा सत्र के दौरान काली पट्टियां बांधकर विरोध दर्ज कराया।
तमिलनाडु विधानसभा ने पहले ही जताई थी आपत्ति
मुख्यमंत्री स्टालिन ने सदन को याद दिलाया कि 27 मार्च को तमिलनाडु विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से वक्फ संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की गई थी। इस प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि यह कानून न केवल धार्मिक सद्भाव को कमजोर करता है, बल्कि अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
क्यों विवादों में है वक्फ संशोधन विधेयक?
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने आपत्ति जताई है। आलोचकों का कहना है कि यह विधेयक धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति अधिकारों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, केंद्र सरकार का तर्क है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रशासन और पारदर्शिता को सुनिश्चित करेगा।
अब जब यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है, डीएमके और अन्य विपक्षी दलों की नजरें सुप्रीम कोर्ट की ओर हैं, जहां वे इस कानून को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।