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Georgia में डॉक्टर बनने क्यों जाते हैं भारतीय, क्या है यहां MBBS करने की वजह? Georgia Dean ने खोला बड़ा ‘राज’

डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले लाखों भारतीय छात्र NEET UG रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हर साल की तरह इस बार भी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की प्रतिस्पर्धा बेहद कड़ी है। देशभर में लगभग एक लाख मेडिकल सीटों के मुकाबले इस साल करीब 21 लाख छात्रों ने NEET परीक्षा दी है। ऐसे में बड़ी संख्या में छात्रों को भारत में MBBS सीट नहीं मिल पाएगी, जिस कारण वे विदेशों में मेडिकल पढ़ाई के विकल्प तलाश रहे हैं। इस दिशा में Georgia भारतीय छात्रों के बीच सबसे लोकप्रिय विकल्प बनकर उभरा है।

Tbilisi State Medical University (TSMU), Grigol Robakidze University (GRUNI), Batumi Shota Rustaveli State University (BSU), New Vision University जैसी कई प्रमुख संस्थान जॉर्जिया में अपने उच्च गुणवत्ता वाले MBBS कोर्स के लिए प्रसिद्ध हैं। वर्तमान में जॉर्जिया में करीब 20,000 से अधिक भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।

भारतीय छात्रों के एडमिशन पर कोई रोक नहीं: डीन नीनो

Nino Gordeladze, Grigol Robakidze University (GRUNI), जॉर्जिया में मेडिसिन फैकल्टी की एसोसिएट डीन हैं। OBC AWAAZ से बातचीत में उन्होंने बताया कि भारतीय छात्र जॉर्जिया में MBBS करने को क्यों प्राथमिकता दे रहे हैं। Dean Nino ने कहा, “जॉर्जिया की यूनिवर्सिटीज़ में भारतीय छात्रों के एडमिशन पर कोई पाबंदी नहीं है। जबकि कई पश्चिमी देशों में इमिग्रेशन पॉलिसी और एडमिशन की सीमाएं अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को प्रभावित कर रही हैं, वहीं जॉर्जिया सभी योग्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने पर ध्यान देता है। यही वजह है कि जॉर्जिया भारतीय छात्रों के लिए एक लोकप्रिय MBBS डेस्टिनेशन बनता जा रहा है।

क्वालिटी पर ज़ोर, भारतीय छात्रों के लिए बढ़ रही सीटें

Grigol Robakidze University (Gruni) की एसोसिएट Dean Nino Gordeladze ने बताया कि मेडिकल सीटों की संख्या को लेकर कोई सीमा नहीं तय की गई है। उन्होंने कहा कि जॉर्जिया सरकार और विभिन्न यूनिवर्सिटीज़ मिलकर लगातार यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि खासकर मेडिकल कोर्सेज में भारतीय छात्रों के लिए सीटों की उपलब्धता बढ़ाई जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीटों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। डीन नीनो ने कहा, “हमें भारतीय छात्रों को दी जा रही मेडिकल शिक्षा की उच्च गुणवत्ता की पूरी गारंटी देनी होगी।”

यह इसलिए जरूरी है क्योंकि जॉर्जिया से MBBS करने के बाद अधिकांश भारतीय छात्रों को भारत में प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस परीक्षा (FMGE/NExT) देनी होती है। जॉर्जिया की यूनिवर्सिटीज़ न केवल कोर्स पूरा कराने पर ध्यान देती हैं, बल्कि छात्रों को भारत की इस अनिवार्य लाइसेंस परीक्षा की तैयारी में भी मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करती हैं।

जॉर्जिया को MBBS के लिए क्यों चुनते हैं भारतीय छात्र?

हर साल हजारों भारतीय छात्र MBBS की पढ़ाई के लिए जॉर्जिया को चुनते हैं, और इसके पीछे कई ठोस कारण हैं:

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  1. NEET में कम स्कोर वालों के लिए बेहतर मौका: भारत में सीमित मेडिकल सीटों और कटथ्रोट कंपटीशन के कारण कई छात्रों को मौका नहीं मिल पाता। वहीं, जॉर्जिया की यूनिवर्सिटीज़ NEET क्वालिफाई करने वालों को भी दाखिला देती हैं।
  2. कोई डोनेशन या कैपिटेशन फीस नहीं: जॉर्जिया में एडमिशन पूरी तरह मेरिट आधारित होता है और यहां प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की तरह भारी भरकम डोनेशन नहीं देना पड़ता।
  3. विश्व स्तरीय शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर: जॉर्जिया की यूनिवर्सिटीज़ आधुनिक मेडिकल लैब्स, स्मार्ट क्लासरूम और अनुभवी फैकल्टी के साथ उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करती हैं।
  4. WHO, NMC, ECFMG मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटीज़: कई मेडिकल कॉलेज WHO, NMC (पूर्व MCI) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मान्यता प्राप्त हैं, जिससे छात्रों को भारत, अमेरिका, यूके आदि में मेडिकल प्रैक्टिस का अवसर मिलता है।
  5. FMGE/NExT की तैयारी में मदद: यूनिवर्सिटीज़ भारतीय छात्रों को भारत में ज़रूरी लाइसेंस परीक्षाओं जैसे FMGE या NExT की तैयारी में विशेष मार्गदर्शन देती हैं।
  6. सस्ती फीस और रहने का खर्च: MBBS की कुल लागत भारत के निजी कॉलेजों की तुलना में काफी कम है। साथ ही रहने और खाने का खर्च भी किफायती है।
  7. अंग्रेजी माध्यम और सुरक्षित वातावरण: पढ़ाई का माध्यम पूरी तरह अंग्रेजी है और जॉर्जिया छात्रों के लिए एक सुरक्षित व स्टूडेंट-फ्रेंडली देश माना जाता है।

इसके अलावा, कई जॉर्जिया की यूनिवर्सिटीज़ ने भारतीय छात्रों के लिए अपनी सुविधाओं को और बेहतर बनाया है।डीन नीनो ने बताया, “भारतीय छात्रों के लिए अलग हॉस्टल की व्यवस्था की गई है। लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग आवासीय सुविधाएं हैं, जो भारतीय माता-पिता की अपेक्षाओं और सांस्कृतिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई हैं।”

भारतीय मेस, सांस्कृतिक अनुकूलन विभाग और विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल- जैसे 24×7 CCTV निगरानी और नियमित पुलिस गश्त -भारतीय छात्रों और उनके परिवारों को सुरक्षित और सहज वातावरण का अनुभव कराते हैं।

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