उत्तर प्रदेश के हापुड़ में मौजूद मोनाड यूनिवर्सिटी अब सवालों के घेरे में है। कुछ दिन पहले एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने यूनिवर्सिटी में छापा मारा और जो सामने आया, उसने हर किसी को चौंका दिया।
छापे में हजारों फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट, कंप्यूटर, नकदी और गाड़ियों तक का जखीरा मिला। ये डिग्रियां सिर्फ कागज़ नहीं थीं, इन्हीं के दम पर लोग सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में घुस चुके हैं।
चेयरमैन समेत 10 लोग गिरफ्तार
मामला इतना बड़ा निकला कि यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र हुड्डा को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
हापुड़ के डीएम और एसपी ने अब सरकार को चिट्ठी भेजकर कहा है कि इस यूनिवर्सिटी की मान्यता और रजिस्ट्रेशन खत्म किया जाए।
घोटाला सिर्फ यहीं तक नहीं, यूपी की 4 और यूनिवर्सिटियों में भी जाल फैला
एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि मोनाड यूनिवर्सिटी की तर्ज़ पर यूपी की 4 और प्राइवेट यूनिवर्सिटी में भी फर्जी डिग्री का गोरखधंधा चल रहा है।
अब वहां की भी जांच शुरू हो चुकी है, और कई नाम सामने आने की तैयारी में हैं।
छात्रों के लिए मुश्किल घड़ी
सबसे ज़्यादा परेशानी में वो छात्र हैं जो सच में मेहनत से पढ़ाई कर रहे थे। अब उन्हें डर है कि कहीं उनकी डिग्री ही रद्द न हो जाए, या नौकरी में परेशानी न हो।
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि ईमानदार छात्रों का भविष्य सुरक्षित रखा जाएगा।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल:
इस मामले ने शिक्षा तंत्र की निगरानी और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई लोग फर्जी डिग्रियों के दम पर नौकरी तक पा चुके हैं
अब क्या होगा?
- चारों यूनिवर्सिटियों में जांच और पूछताछ होगी।
- जिन लोगों ने फर्जी डिग्री के दम पर नौकरी पाई, उन्हें भी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
- जिन स्टाफ या प्रोफेसर ने इस गोरखधंधे में साथ दिया, उन पर भी शिकंजा कसेगा।