दक्षिण-पश्चिम मानसून ने भारत के कई हिस्सों में तेज़ी से कदम बढ़ा दिए हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पुष्टि की है कि यह मानसून अब बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और ओडिशा के अधिकांश क्षेत्रों तक पहुंच गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों में यह मानसून उत्तरी अरब सागर, गुजरात, राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य भारत के कुछ अन्य हिस्सों में भी आगे बढ़ेगा।
पूरा देश भीगने को तैयार
पूर्वोत्तर भारत से लेकर दक्षिण के हिस्सों तक मानसून का प्रभाव दिखने लगा है। इन क्षेत्रों में लगातार भारी वर्षा रिकॉर्ड की जा रही है। वहीं, पश्चिमी हिमालयी राज्यों, जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी मानसून पूर्व बारिश ने वातावरण को तरबतर कर दिया है।
आईएमडी का विस्तृत अपडेट
आईएमडी के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून अब निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रवेश कर चुका है:
- उत्तरी अरब सागर
- गुजरात के कुछ और क्षेत्र
- विदर्भ के शेष हिस्से
- मध्य प्रदेश का बड़ा भाग
- छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्से
- ओडिशा और झारखंड के शेष हिस्से
- पश्चिम बंगाल (मैदानी और उप-हिमालयी क्षेत्र)
- बिहार के कुछ हिस्से
यह भी बताया गया है कि अगले दो दिन इन राज्यों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए मौसम अनुकूल रहेगा।
आज किन राज्यों में भारी बारिश के आसार
आईएमडी ने चेतावनी दी है कि आज यानी बुधवार को उत्तराखंड, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में भारी वर्षा की संभावना है। दो निम्न दबाव वाले क्षेत्र, एक गंगा के मैदानी पश्चिम बंगाल और दक्षिण-पश्चिम बांग्लादेश में, दूसरा गुजरात क्षेत्र में भारी बारिश का कारण बन रहे हैं।
बीते 24 घंटे का वर्षा हाल
मंगलवार सुबह 8:30 बजे तक पिछले 24 घंटों में निम्नलिखित राज्यों में भारी बारिश दर्ज की गई:
- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब
- पूर्वी राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश
- पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड
- छत्तीसगढ़, कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र
- गंगा के मैदानी पश्चिम बंगाल
इसके अलावा तमिलनाडु के घाट क्षेत्रों, केरल, कर्नाटक, मिजोरम, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, असम और मेघालय में भी बारिश हुई। गुजरात क्षेत्र, कोंकण और महाराष्ट्र में 60-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं।
गुजरात में भारी तबाही, 18 की मौत
गुजरात में मानसून की शुरुआत ने भारी तबाही मचाई है। बोटाद, अमरेली, सुरेंद्रनगर और भावनगर जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 18 लोगों की मौत हो चुकी है। बोटाद जिले में जलस्तर के बढ़ने के बाद खंभाड़ा बांध के गेट खोल दिए गए, जिससे निचले इलाकों में जलभराव हो गया।
झारखंड में बिजली गिरने से मौतें
झारखंड में मंगलवार को बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई।
- चैनपुर, पलामू:
60 वर्षीय सरस्तिया देवी और उनकी बेटी रूपा कुमारी (21) घर के बरामदे पर बैठी थीं, तभी उन पर बिजली गिर गई। दोनों की मौके पर मौत हो गई जबकि सरस्तिया देवी के पति घायल हो गए। - रेहला, पलामू:
एक अन्य बुजुर्ग व्यक्ति की मौत बिजली गिरने से हो गई।
अगले 48 घंटे सावधानी जरूरी
देशभर में मानसून सक्रिय हो चुका है और अगले 48 घंटे कई राज्यों के लिए भारी वर्षा और तेज हवाओं से भरे हो सकते हैं। जिन राज्यों में रेड अलर्ट जारी हुआ है, वहां लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। बाढ़ और जलभराव वाले क्षेत्रों में सतर्क रहना अनिवार्य है।
सम्बंधित राज्यों के लिए सुझाव:
- निचले इलाकों से लोगों को अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए।
- बिजली गिरने की घटनाओं से बचने के लिए खुले स्थानों से दूर रहें।
- मौसम विभाग की ताज़ा चेतावनियों पर नज़र बनाए रखें।
मानसून का यह दौर एक तरफ जहां गर्मी से राहत लाता है, वहीं दूसरी ओर यह बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं की आशंका भी लेकर आता है। लिहाज़ा, सतर्क रहना ही समझदारी है।