कोच्चि के पास समुद्र में डूबे लाइबेरियाई झंडा लगे कंटेनर जहाज़ MSC ELSA 3 के आठ कंटेनर सोमवार को कोल्लम तट पर बहकर आ गए। तेज लहरों और चट्टानों के बीच बहते हुए ये लाल रंग के कंटेनर किनारे तक पहुंच गए, जिससे समुद्री पर्यावरण और जहाज़ों की आवाजाही को लेकर खतरे की चिंता और बढ़ गई है।
भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के मुताबिक, इस जहाज़ पर कुल 640 कंटेनर लदे थे। इनमें से 13 कंटेनरों में खतरनाक रसायन और 12 में कैल्शियम कार्बाइड भरा हुआ था। इसके अलावा जहाज़ में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल भी मौजूद था।
तेल रिसाव का खतरा देखते हुए ICG ने “कंप्रीहेंसिव पॉल्यूशन रिस्पॉन्स प्रिपेयर्डनेस” नाम की योजना एक्टिव कर दी है। इसके तहत, तेल फैलाव की निगरानी के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस विमान इलाके का सर्वे कर रहे हैं।
ICG और भारतीय नौसेना के मिलेजुले ऑपरेशन में जहाज़ पर सवार सभी 24 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया। इनमें से 21 को तटरक्षक बल ने और बाकी 3 को INS सुजाता ने रेस्क्यू किया।
भारतीय नौसेना के PRO अतुल पिल्लई ने बताया कि ICG के दो जहाज़, ‘सक्षम’ और ‘समर्थ’, अब प्रदूषण रोकने के काम में लगे हैं। इसके अलावा एक डोर्नियर एयरक्राफ्ट को भी समुद्री निगरानी के लिए तैनात किया गया है।
शनिवार रात तक रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया और फिलीपींस के नागरिकों समेत 21 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। तीन सीनियर क्रू मेंबर्स जहाज़ पर ही रहकर बचाव कार्य में मदद कर रहे थे, लेकिन हालात बिगड़ने के चलते 25 मई को उन्हें भी जहाज़ छोड़ना पड़ा। इसके बाद INS सुजाता ने उन तीनों को भी सकुशल बाहर निकाला।