गाजियाबाद के मुरादनगर पुलिस स्टेशन के बाहर बुधवार देर रात एक चौंकाने वाली वारदात हुई, जिसमें 27 वर्षीय युवक रवि शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना उस वक्त हुई जब रवि शर्मा और उनके परिवार के लोग थाने के बाहर खड़े थे और घर पर हुई फायरिंग की शिकायत दर्ज कराने आए थे। पुलिस के अनुसार, इससे कुछ घंटे पहले ही गांव में कार के रास्ते को लेकर रविंद्र शर्मा (रवि के पिता) और आरोपियों मोंटी व अजय के बीच बहस हुई थी। आरोप है कि रात करीब 8:30 बजे मोंटी और अजय ने बाइक से आकर शर्मा परिवार के घर पर फायरिंग की, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो आरोपी फरार हो चुके थे। इसके बाद शर्मा परिवार थाने पहुंचा, तभी आरोपी फिर बाइक से आए और थाने के बाहर ही रवि शर्मा पर गोलियां चला दीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस की कार्रवाई और लापरवाही पर सवाल
घटना के तुरंत बाद गाजियाबाद पुलिस ने मुरादनगर थाने के एसएचओ शैलेन्द्र सिंह तोमर, रात की ड्यूटी पर तैनात इंस्पेक्टर सुभे सिंह और मोहित सिंह को निलंबित कर दिया। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और डीसीपी (ग्रामीण) सुरेंद्र नाथ तिवारी के अनुसार, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें बनाई गई हैं। हालांकि, मृतक के पिता ने आरोप लगाया कि फायरिंग के वक्त चार पुलिसकर्मी पास ही थे, लेकिन उन्होंने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की और सिर्फ वीडियो बनाते रहे। इस लापरवाही को लेकर स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है और पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
इलाके में तनाव और विरोध प्रदर्शन
हत्या की खबर फैलते ही इलाके में तनाव का माहौल बन गया। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल और थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, पुलिस सुरक्षा और न्याय की मांग की। लोगों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता और लापरवाही के कारण अपराधी बेखौफ होकर थाने के बाहर भी गोली चला रहे हैं। पुलिस ने इलाके में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
आरोपी का आपराधिक इतिहास और पुलिस की तलाश
मुख्य आरोपी मोंटी का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है। पुलिस के मुताबिक, मोंटी पिछले साल ही जेल से बाहर आया था, जहां वह 2015 के एक मामले में पॉक्सो और बलात्कार के आरोप में सजा काट रहा था। वारदात के बाद से मोंटी और उसका साथी अजय फरार हैं। पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश दी है और जल्द गिरफ्तारी का दावा किया है। एफआईआर में हत्या और हत्या के प्रयास की धाराएं लगाई गई हैं।
कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल
मुरादनगर थाने के बाहर हुई इस वारदात ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस की जवाबदेही, सुरक्षा व्यवस्था और अपराधियों के हौसले पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस प्रशासन ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है, लेकिन स्थानीय लोगों और पीड़ित परिवार में डर और गुस्सा दोनों है। अब देखना होगा कि पुलिस कितनी जल्दी आरोपियों को गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार को न्याय दिला पाती है और इलाके में कानून-व्यवस्था बहाल कर पाती है।