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खौफनाक भूकंप: थाईलैंड और म्यांमार में 7.5 और 7.0 तीव्रता के झटके, 20 की मौत

म्यांमार और थाईलैंड में 7.5 और 7.0 तीव्रता के दो भीषण भूकंप से भारी तबाही हुई, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई। राहत कार्य जारी है, जबकि आफ्टरशॉक्स की आशंका बनी हुई है।

शुक्रवार को म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के दो विनाशकारी झटके महसूस किए गए। पहले भूकंप की तीव्रता 7.5 और दूसरे की 7.0 थी। इन शक्तिशाली झटकों ने दोनों देशों में भारी तबाही मचा दी। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी भूकंप का असर महसूस किया गया, जिससे लोग घबराकर सड़कों पर निकल आए। अब तक 20 लोगों की मौत की खबर है, जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं। थाईलैंड में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आपातकाल लागू कर दिया गया है।

तबाही के भयावह दृश्य

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में भूकंप की विभीषिका साफ झलक रही है। एक वीडियो में महज तीन सेकंड में एक इमारत जमींदोज होती नजर आती है, जबकि चारों ओर धूल और धुएं का गुबार छा जाता है। सड़क पर मौजूद लोग और अपनी गाड़ियों में बैठे यात्री खौफ से सहमे हुए दिख रहे हैं। एक अन्य वीडियो में एक ट्रेन झूले की तरह हिलती दिखती है, जबकि ऊंची इमारतों के स्विमिंग पूल का पानी झरने की तरह नीचे गिरता नजर आता है।

भूकंप के प्रभाव और आफ्टरशॉक्स

भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कुछ घंटों बाद बांग्लादेश और भारत के मेघालय में भी इसके आफ्टरशॉक्स महसूस किए गए। बांग्लादेश में झटका अपेक्षाकृत अधिक शक्तिशाली था, जहां इसकी तीव्रता 4.0 दर्ज की गई। विशेषज्ञों के अनुसार, भूकंप के और भी आफ्टरशॉक्स आने की संभावना बनी हुई है, जिससे स्थानीय प्रशासन सतर्क है।

USGS और NCS की रिपोर्ट

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने शुरुआत में म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में आए पहले भूकंप की तीव्रता 7.7 दर्ज की थी। हालांकि, बाद में भारत के राष्ट्रीय भूकंपीय केंद्र (NCS) ने इसे संशोधित कर 7.5 बताया। यह भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:50 बजे (0620 GMT) पर सागाइंग शहर से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई पर आया। दूसरा भूकंप कुछ समय बाद आया, जिसकी तीव्रता 7.0 रही।

सरकारों की प्रतिक्रिया और राहत कार्य

म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद आपदा प्रबंधन एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। सरकारों ने नागरिकों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। थाईलैंड में आपातकाल लागू कर दिया गया है, जिससे राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

भूकंप विशेषज्ञों के अनुसार, यह भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने के कारण आया। म्यांमार और थाईलैंड जिस भौगोलिक क्षेत्र में स्थित हैं, वह भूकंपीय दृष्टि से सक्रिय क्षेत्र है, जहां इस तरह के शक्तिशाली भूकंप अक्सर आते रहते हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र में आगे भी आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं, जिससे और नुकसान हो सकता है।

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म्यांमार और थाईलैंड में आए इस विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हैं। सरकार और राहत एजेंसियां युद्धस्तर पर बचाव कार्य कर रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, आफ्टरशॉक्स की आशंका बनी हुई है, जिससे सतर्कता और बचाव कार्यों में तेजी लाने की जरूरत है।

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