नासिक हिंसा पर संजय राउत का तीखा बयान सामने आया है। महाराष्ट्र के नासिक में एक कथित अवैध सात पीर दरगाह को हटाने गई नगर निगम और पुलिस टीम पर मंगलवार देर रात पथराव किया गया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और भीड़ को तितर-बितर किया।
घटना के बाद शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने सीधे तौर पर बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “आज हमारी बड़ी सभा थी, और ठीक उसी दिन ये कार्रवाई की गई। यह महज संयोग नहीं बल्कि राजनीतिक चाल है।” उनका आरोप है कि बीजेपी को जब भी लगता है कि विपक्ष मज़बूत हो रहा है, वे दंगे भड़काने का रास्ता चुनते हैं।
पुलिस की जानकारी क्या कहती है?
पुलिस उपायुक्त किरण कुमार चव्हाण ने बताया कि जब टीम निर्माण हटाने गई तो भीड़ ने विरोध शुरू कर दिया। दरगाह के ट्रस्टी और एक सम्मानित नागरिक ने समझाने की कोशिश की, लेकिन उनकी बात अनसुनी कर भीड़ ने पुलिस और अधिकारियों पर हमला कर दिया।
इस पथराव में 31 पुलिस और स्टाफ सदस्य घायल हो गए। भीड़ को काबू में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। फिलहाल 15 उपद्रवी हिरासत में हैं और 57 मोटरसाइकिलें जब्त की गई हैं।
राजनीतिक रंग लेता मुद्दा
संजय राउत ने दावा किया कि यह घटना पहले से योजना बनाकर अंजाम दी गई ताकि शिवसेना की सभा से जनता का ध्यान भटकाया जा सके। उनका कहना है कि पहले औरंगजेब की कब्र का मुद्दा उठाया गया और अब दरगाह को निशाना बनाया गया है। “बीजेपी हर जगह दंगा करवाने की ताक में रहती है,” उन्होंने कहा।
इस घटना के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर धार्मिक ध्रुवीकरण, प्रशासनिक दमन और सत्ता की साजिशों की बहस तेज़ हो गई है। विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ कार्रवाई बताते हुए सवाल उठा रहा है, जबकि सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस सफाई नहीं दी गई है।
स्थिति भले ही फिलहाल शांत हो, लेकिन सियासत गरम है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और ज़्यादा तूल पकड़ सकता है।