आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और एनडीए ने बड़ा दांव खेला है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राज्य की 243 सीटों में से 75% से ज्यादा टिकट OBC, EBC, SC और महादलित समुदायों से उम्मीदवारों को देने की तैयारी है। यह फैसला जातिगत सर्वेक्षण और माहिर रणनीति के आधार पर लिया गया है।
जाति आधार पर होगी टिकट बंटवारे की प्लानिंग
बीजेपी इस बार एक चेहरा नहीं, सामूहिक नेतृत्व के साथ मैदान में उतर रही है। पार्टी के नेता सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, नित्यानंद राय और मंगल पांडे इस रणनीति के अहम चेहरे हैं।
उम्मीदवारों के नाम बाद में तय होंगे लेकिन जातीय संतुलन पहले से तैयार कर लिया जाएगा।
जातीय जनगणना बनेगी चुनावी मुद्दा
एनडीए ने यह तय किया है कि चुनाव प्रचार में जातीय जनगणना को एक बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा। साथ ही जाति आधारित सभाएं और साझा मंच तैयार कर हर जातीय वर्ग को टच किया जाएगा।
सीट बंटवारे को लेकर सतर्कता
बीजेपी की बिहार इकाई चाहती है कि सहयोगी दल भी टिकट चयन में जातीय समीकरण को प्राथमिकता दें, ताकि कोई अंतर्विरोध न हो। पार्टी यह भी चाहती है कि चुनाव की घोषणा से पहले ही उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी जाए।
पीएम मोदी की अगुवाई में होंगी संयुक्त रैलियां
चुनाव से पहले संयुक्त रैलियों का भी प्लान है, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भाग लेंगे। इन रैलियों में जेडीयू, एलजेपी, हम और रालोसपा जैसे सहयोगी दल भी हिस्सा लेंगे।