पटना: बिहार पुलिस ने अब तक 29 इनामी अपराधी को गिरफ्तार कर यह साफ कर दिया है कि अपराध के लिए अब राज्य में कोई जगह नहीं बची है। बीते कुछ हफ्तों में अपराध की घटनाओं और पुलिस पर हुए हमलों ने सरकार की चिंता जरूर बढ़ाई, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना देरी किए सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए। उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर स्पष्ट कर दिया कि कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं होगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पूरे राज्य में पुलिस का रवैया बदल चुका है। अब कार्रवाई सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित नहीं, बल्कि ज़मीन पर नज़र आने लगी है। राज्य के कई ज़िलों में पुलिस लगातार ऑपरेशन चला रही है और अब तक कुल 227 अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें ये 29 इनामी अपराधी सबसे चर्चित रहे।
कहां-कहां चला पुलिस का अभियान?
अररिया, मुंगेर, गया, भोजपुर जैसे संवेदनशील जिलों में पुलिस ने जबरदस्त एक्शन लिया है। जनवरी में STF ने दो कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया, जिन पर ₹50,000 का इनाम था। इसके अलावा, आठ नक्सलियों की गिरफ्तारी भी पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
नक्सली और माफिया नेटवर्क पर कड़ा प्रहार
STF, SOG और जिला पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन ने नक्सलियों और संगठित अपराधियों की कमर तोड़ दी है। अब नक्सली गतिविधियां केवल खड़गपुर और छक्कबरबंधा जैसे कुछ सीमित पहाड़ी इलाकों तक सिमट गई हैं। सरकार का लक्ष्य है कि अगले 3 महीनों में ये इलाके भी पूरी तरह उग्रवाद मुक्त हो जाएं।
इसके लिए झारखंड की सीमा से सटे इलाकों में अंतरराज्यीय समन्वय से विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
15 स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप – निगरानी से पकड़ तक
बिहार पुलिस ने 15 स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) बनाए हैं जो माफिया नेटवर्क, फिरौती गिरोह, हथियार तस्करी और आर्थिक अपराधों पर नज़र रख रहे हैं। अब तक सैकड़ों गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया डिजिटल क्राइम डाटाबेस भी इन अपराधियों की पहचान और ट्रैकिंग में अहम भूमिका निभा रहा है।
टॉप अपराधियों पर लगातार नज़र
- टॉप-10 और टॉप-20 अपराधियों की लिस्ट नियमित रूप से अपडेट हो रही है।
- जेल से या राज्य से बाहर रहकर अपराध करने वालों पर भी सख्त निगरानी है।
- जो लोग ऐसे अपराधियों को समर्थन दे रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई तेज़ की जा रही है।
अब हथियारों पर भी सरकार की नज़र
राज्य सरकार अब अवैध हथियारों की तस्करी और गोली के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए नई नीति पर काम कर रही है। जल्द ही एक सख्त कानून लाकर हथियारों की अवैध खरीद-बिक्री पर नियंत्रण लाने की तैयारी है।
CM नीतीश कुमार का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा है:
“सुशासन के रास्ते में कोई भी बाधा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो कानून तोड़ेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।“
निष्कर्ष:
बिहार में अपराध और अपराधियों के खिलाफ चल रही इस मुहिम ने साफ कर दिया है कि सरकार अब पूरी तरह एक्शन में है। 29 इनामी अपराधी की गिरफ्तारी से शुरू हुआ यह सफर अब माफिया और नक्सली नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की ओर बढ़ रहा है। जनता की सुरक्षा के लिए ये सख्त कदम आने वाले समय में अपराधियों के लिए बिहार की ज़मीन और भी तंग करने वाले हैं।