10 जून 2025 को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में OBC-A और OBC-B की नई सूचियां पेश कीं। ये कदम पिछले साल हाईकोर्ट के फैसले के बाद उठाया गया है, जिसमें राज्य सरकार की पुरानी सूची को लेकर सवाल उठे थे। अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है और जुलाई में अगली सुनवाई होनी है। इससे पहले ममता सरकार इस मुद्दे से निपटने की कोशिश में है।
नई लिस्ट में क्या है?
नई सूची में 76 नए समुदाय जोड़े गए हैं, जिससे अब कुल गिनती 140 हो गई है। इनमें से 80 मुस्लिम समुदाय से जुड़े हैं। सरकार का कहना है कि ये बदलाव पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के हिसाब से किए गए हैं।
इन 76 में से 51 समुदाय OBC-A में और 25 OBC-B में रखे गए हैं। OBC-A में उन लोगों को शामिल किया गया है जो ज्यादा पिछड़े माने जाते हैं, जबकि OBC-B में बाकी पिछड़े वर्ग आते हैं।
मामला कहां से शुरू हुआ?
2010 से 2012 के बीच राज्य की लेफ्ट सरकार और फिर ममता सरकार ने मिलकर 77 मुस्लिम समुदायों को OBC का दर्जा दिया था। इसके खिलाफ कुछ लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि ये फैसला धर्म के आधार पर हुआ है, न कि सामाजिक या आर्थिक हालत को देखकर।
22 मई 2024 को कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में 113 समुदायों को सूची से हटा दिया और कहा कि ये वर्गीकरण वोट बैंक के लिए किया गया था। कोर्ट ने 2012 के कानून की कुछ धाराएं भी रद्द कर दीं और साफ कहा कि बिना किसी वैज्ञानिक सर्वे के इस तरह का वर्गीकरण नहीं हो सकता।
ममता सरकार की सफाई
ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। उन्होंने कहा, अगर आप A खेलते हैं, तो मैं B खेलूंगी, और आप C खेलेंगे तो मैं Z तक जाऊंगी।
सरकार का दावा है कि नई सूची पूरी तरह से आयोग की रिपोर्ट और सर्वे पर आधारित है। कुल 179 समुदायों ने आवेदन दिए थे, जिनमें से 113 को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब 76 वर्ग फिर से शामिल किए गए हैं, जिनमें 74 पहले हटाए गए थे और 2 नए हैं।
इनमें से 35 को OBC-A और 41 को OBC-B में रखा गया है। बाकी 64 में से 14 को A और 50 को B में रखा गया है। बाकी 2 के लिए आगे सर्वे किया जाएगा।
राजनीति गरमाई
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस सूची को पक्षपाती बताया और कहा कि ये मुस्लिम समुदाय को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है। उन्होंने X पर लिखा: OBC = One-Sided Beneficiary Classes
OBC = Other Backward Classes
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) June 11, 2025
In West Bengal it means One-Sided Beneficiary Classes.
Mamata Banerjee, said yesterday on the floor of the West Bengal Legislative Assembly that OBC List not prepared on the basis of religion.
Let's Fact Check her claim.
Just look at the Peak of… pic.twitter.com/9EzhBT55ec
इसके जवाब में TMC ने आरोप लगाया कि बीजेपी हिंदू-मुस्लिम के नाम पर समाज में बंटवारा करना चाहती है और 2026 का चुनाव इसी मुद्दे पर लड़ने की कोशिश कर रही है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, OBC सूची में 80 मुस्लिम और 60 गैर-मुस्लिम समुदाय शामिल हैं। OBC-A में 49 में से 36 मुस्लिम हैं, और OBC-B में 91 में से 44 मुस्लिम। इस तरह पूरी OBC सूची का करीब 57% हिस्सा मुस्लिम समुदाय से है।