ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में गुरुवार को कांग्रेस के विधानसभा घेराव के दौरान जबरदस्त हंगामा और हिंसा देखने को मिली। राम मंदिर चौक से शुरू हुई कांग्रेस की पदयात्रा ने देखते ही देखते उग्र रूप ले लिया। महिला सुरक्षा के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच टकराव इतना बढ़ गया कि स्थिति बेकाबू हो गई।
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पत्थर, अंडे और कुर्सियाँ फेंकी, जिसके जवाब में पुलिस ने पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले छोड़े। पत्थरबाजी में 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए, वहीं पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में 20 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता लहूलुहान हो गए। घायलों को भुवनेश्वर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
हालात को काबू में लाने के लिए प्रशासन ने शहर में 80 प्लाटून पुलिस बल तैनात किया है। बावजूद इसके महात्मा गांधी मार्ग युद्ध के मैदान जैसा नजर आया, जहां कुर्सियां और डंडे हवा में उड़ते दिखे। एक कांग्रेस कार्यकर्ता का सिर भी फट गया, लेकिन कार्यकर्ता पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

भक्त चरण दास की शांति की अपील बेअसर
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास ने प्रदर्शन से पहले कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की थी, लेकिन प्रदर्शन के दौरान उनकी अपील बेअसर साबित हुई। उन्होंने प्रशासन को आश्वासन दिया था कि प्रदर्शनकारी विधानसभा परिसर में दाखिल नहीं होंगे, फिर भी कुछ नेताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया।
दास ने एक वीडियो संदेश में यह भी आरोप लगाया कि कई जिलों से आ रहे कार्यकर्ताओं को राजधानी पहुंचने से रोका गया। उन्होंने प्रशासन से अवैध हिरासत से बचने की मांग करते हुए कहा कि इसका असर जिलों में तनाव के रूप में सामने आ सकता है।
बिना कांग्रेस विधायकों के शुरू हुई विधानसभा कार्रवाई
वहीं, विधानसभा की कार्यवाही कांग्रेस विधायकों की गैरमौजूदगी में शुरू हुई। इससे पहले बीजू जनता दल (BJD) के विधायकों ने सदन के अंदर गंगाजल का छिड़काव कर विरोध दर्ज कराया। उनका कहना है कि सदन के भीतर पुलिस की मौजूदगी से उसकी पवित्रता भंग हुई है।
राजधानी बनी पुलिस छावनी
कांग्रेस के विधानसभा घेराव के मद्देनज़र भुवनेश्वर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। हर गली, हर चौराहे पर पुलिस की कड़ी निगरानी है। स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन माहौल अब भी तनावपूर्ण बना हुआ है।