आतंक के खिलाफ भारत की जंग लगातार जारी है। ताजा कार्रवाई में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF ने शोपियां जिले के केलर वन क्षेत्र में ऑपरेशन केलर के तहत तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। इन आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा/टीआरएफ (TRF) का एक स्थानीय कमांडर भी शामिल था।
मुठभेड़ में मिली बड़ी सफलता
13 मई को हुई इस संयुक्त कार्रवाई में सुरक्षा बलों को AK सीरीज़ की राइफलें, भारी मात्रा में गोलियां, हैंड ग्रेनेड और अन्य युद्ध सामग्री बरामद हुई। सेना का कहना है कि मारे गए आतंकी हाल ही में क्षेत्र में कई आतंकी गतिविधियों में सक्रिय थे।
सेना के ADG PI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी:
खुफिया इनपुट मिलने पर सेना, पुलिस और CRPF ने ऑपरेशन चलाया और तीन खतरनाक आतंकियों को ढेर कर दिया गया।
Update : OPERATION KELLER
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) May 14, 2025
Based on inputs by intelligence agencies about presence of terrorists in the Keller Forest of #Shopian District, Jammu & Kashmir, a joint operation was launched by #IndianArmy, @JmuKmrPolice and CRPF on 13 May 2025, resulting in neutralisation of… https://t.co/diHsasfXvA pic.twitter.com/Zais9SLlMb
ऑपरेशन सिंदूर के बाद घाटी में दूसरी बड़ी कामयाबी
यह ऑपरेशन ऐसे वक्त में हुआ है जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत आतंक के नेटवर्क को लगातार नेस्तनाबूद कर रहा है। सिंदूर अभियान में भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर करीब 100 आतंकियों को ढेर किया था। इसमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर मुख्यालय और लश्कर का मुरिदके ट्रेनिंग सेंटर मुख्य लक्ष्य रहे।
TRF लश्कर का नकाबपोश चेहरा
TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) को भारत पहले ही आतंकी संगठन घोषित कर चुका है। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप माना जाता है। TRF ने ही पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, की जिम्मेदारी ली थी।
अब UNSC में पाकिस्तान के खिलाफ सबूत पेश करेगा भारत
भारत अब TRF और अन्य संगठनों में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय रणनीति पर काम कर रहा है। जल्द ही भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 प्रतिबंध समिति में पुख्ता सबूतों के साथ पाकिस्तान के खिलाफ मामला रखेगा।
भारत-पाक DGMO कॉल के बावजूद, आतंक पर जीरो टॉलरेंस
10 मई को भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच फोन पर बातचीत के बाद दोनों देशों ने सीमा पर गोलीबारी रोकने पर सहमति जताई थी। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि आतंक के खिलाफ कोई समझौता नहीं होगा, चाहे वो घाटी के अंदर हो या सीमा पार।