कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने शनिवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का युद्धविराम भारत की ताकत नहीं, बल्कि अमेरिका के दबाव की वजह से हुआ है। उन्होंने पीएम मोदी से साफ-साफ जवाब मांगा कि युद्धविराम किन शर्तों पर हुआ।
56 इंच का सीना, फिर चार आतंकी अब तक क्यों फरार?
मेवाणी ने ANI से बातचीत में तंज कसते हुए कहा, सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू कर एक आतंकी को पकड़ने का दावा किया, लेकिन बाकी चार अब तक क्यों नहीं पकड़े गए? जो खुद को 56 इंच का सीना वाला बताते हैं और भारत को विश्वगुरु कहते हैं, वो इन चार आतंकियों को क्यों नहीं ढूंढ पा रहे?
अमेरिका के कहने पर पीछे हटी सरकार
उनका आरोप है कि भारत को ऑपरेशन में बढ़त मिल रही थी, लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बनाकर युद्ध रोकने को कहा और भारत की सरकार झुक गई। ऐसे में ये सवाल उठता है कि युद्धविराम क्यों और किस समझौते के तहत हुआ? इसका जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए।
15 अगस्त से पहले सभी आतंकियों को पकड़ो
मेवाणी ने पीएम मोदी को खुली चुनौती देते हुए कहा, सिंदूर बांटने से बेहतर होगा कि प्रधानमंत्री 15 अगस्त से पहले बाकी बचे चार आतंकियों को पकड़ कर दिखाएं। यही असली देशभक्ति होगी।
अमेरिका ट्वीट कर रहा, भारत खामोश क्यों?
उन्होंने कहा कि अमेरिका लगातार बयान दे रहा है कि उसके हस्तक्षेप से युद्ध रुका, और अगर वो चाहता तो भारत-पाक व्यापार भी रुक जाता। तो भारत इस पर चुप क्यों है? पाकिस्तान के मामले में अमेरिका की बात क्यों मानी जा रही है?
राहुल गांधी ने भी लगाया था ऐसा ही आरोप
इससे पहले राहुल गांधी ने भी आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फोन कॉल के बाद ऑपरेशन सिंदूर रोक दिया, जबकि 1971 में इंदिरा गांधी ने अमेरिका के भारी दबाव के बावजूद पीछे नहीं हटने का फैसला लिया था।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
7 मई को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इसमें पाकिस्तान और पीओजेके के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। जवाब में पाकिस्तान ने भी सैन्य कार्रवाई की, जिस पर भारत ने पलटवार करते हुए उसके एयरबेस पर हमला किया। बाद में पाकिस्तान के DGMO ने भारत से संपर्क कर युद्धविराम की अपील की और दोनों देशों ने सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनाई।