पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बार फिर भारत को धमकाने की कोशिश की है। एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगर भारत ने सिंधु नदी पर कोई बांध बनाया, तो पाकिस्तान उस पर हमला करेगा। उनके मुताबिक, “सिर्फ गोली चलाना ही हमला नहीं होता, पानी रोकना भी एक तरह का हमला है।”
ये बयान उस वक्त आया है जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है। भारत ने हमले के लिए सीधे पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और सिंधु जल संधि को खत्म करने के संकेत दिए हैं।
क्या है सिंधु जल संधि?
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई इस संधि में विश्व बैंक ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। इसके तहत भारत को रावी, व्यास और सतलुज नदियों के पानी पर अधिकार मिला, जबकि सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी पाकिस्तान को मिला। हालांकि, भारत को इन पश्चिमी नदियों पर कुछ सीमित निर्माण की इजाजत है।
भारत की प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले के बाद भारत ने:
- पाकिस्तान के नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए
- वाघा-अटारी बॉर्डर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया
- सिंधु जल संधि की समीक्षा की प्रक्रिया तेज कर दी
ख्वाजा आसिफ के आरोप
ख्वाजा आसिफ का कहना है कि भारत पानी को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। उनका ये भी कहना है कि भारत को दुनिया से वो समर्थन नहीं मिल रहा जिसकी उसे उम्मीद थी।
उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान इस मामले को विश्व बैंक के सामने रखेगा और कानूनी रास्ते से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करेगा।