बिहार की राजनीति में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। इस बीच पूर्व सांसद पप्पू यादव ने शनिवार (29 मार्च 2025) को एक बड़ा बयान देकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने सीधे तौर पर नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया और कहा कि यदि विपक्ष को मजबूत होना है तो “चेहरे की नहीं, एकता की ज़रूरत है।”
बीजेपी पर तंज, नीतीश पर भविष्यवाणी
पप्पू यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि,
“बिहार एक ऐसा राज्य है जहां बीजेपी अब तक खुद का मुख्यमंत्री नहीं बना पाई है। वो चुनाव जीतने तक नीतीश कुमार को नहीं छेड़ेगी। लेकिन चुनाव के बाद नीतीश की हालत महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे जैसी हो सकती है।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार के करीबी सभी नेता दरअसल अमित शाह के संपर्क में हैं।
नीतीश को साथ लाना होगा
पप्पू यादव ने साफ कहा कि अगर विपक्ष को आने वाले लोकसभा चुनाव 2029 में बंगाल, असम जैसे बड़े राज्य जीतने हैं तो नीतीश कुमार को अभी ही महागठबंधन में शामिल करना ज़रूरी है।
उन्होंने कहा,
“अमित शाह बिहार दौरे पर आ रहे हैं, तो उन्हें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज भी देना चाहिए। अगर नहीं दिया गया, तो ‘नो स्पेशल स्टेटस, नो वोट’।”
तेजस्वी यादव को लेकर आरजेडी पर हमला
तेजस्वी यादव को लेकर पप्पू यादव ने सीधा नाम नहीं लिया, लेकिन इशारों में बड़ा तंज कसते हुए कहा:
“जो मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, उन्हें अहंकार छोड़ना होगा। अगर किस्मत में मुख्यमंत्री बनना लिखा होगा, तो कोई रोक नहीं सकता।”
इसके साथ उन्होंने आरजेडी पर आरोप लगाया कि पार्टी अब “व्यावसायिक” हो गई है और चेहरा घोषित करने की राजनीति कर रही है, जो विपक्ष की एकता में बाधा बन सकती है।
कांग्रेस से उम्मीदें
बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानने से इनकार किया है। इसी पर पप्पू यादव ने कहा कि विपक्ष को चेहरा घोषित करने की बजाय, एकजुटता और नीति पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बिहार में बड़ी और निर्णायक भूमिका निभानी होगी।
आरजेडी का दावा: सत्ता परिवर्तन की तैयारी
आरजेडी ने दावा किया है कि अमित शाह का दौरा बीजेपी की सत्ता हस्तांतरण योजना का हिस्सा है। पार्टी का कहना है कि विधानसभा चुनाव तक बीजेपी जेडीयू में टूट की कोशिश करेगी और नीतीश कुमार को हटाकर अपना मुख्यमंत्री बनाएगी।