लोकसभा में पप्पू यादव का तीखा भाषण उस वक्त चर्चा का केंद्र बन गया जब उन्होंने वक्फ संशोधन बिल पर बोलते हुए राजा-महाराजाओं और पुराने ज़मींदारों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों को ज़मीनें उनके पूर्वजों से नहीं, बल्कि अंग्रेजों की दलाली के इनाम में मिली थीं।
शाही वंशजों को ज़मीनें अंग्रेजों से मिलीं—लोकसभा में पप्पू यादव का तीखा भाषण
पप्पू यादव ने लोकसभा में कहा कि जो खुद को राजवंश का उत्तराधिकारी बताते हैं, उन्हें यह बताना चाहिए कि क्या उनकी ज़मीनें सचमुच विरासत में मिली थीं, या फिर वे अंग्रेजों की कृपा का परिणाम थीं। लोकसभा में पप्पू यादव का तीखा भाषण सुनकर भाजपा सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई और इसे इतिहास के साथ खिलवाड़ बताया।
बौद्ध धर्म से शुरू कर, सामाजिक न्याय तक पहुंचे पप्पू यादव
लोकसभा में पप्पू यादव का तीखा भाषण तब और गहराता गया जब उन्होंने बौद्ध धर्म का उल्लेख करते हुए गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की बात की। उन्होंने कहा कि देश में जिनके पास आज ज़मीनें हैं, उनकी वैधता की भी समीक्षा होनी चाहिए।
गुरु गोविंद सिंह की कुर्बानी और भाजपा पर वार
पप्पू यादव ने अपने भाषण में गुरु गोविंद सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने मानवता की रक्षा के लिए जान दी, न कि किसी एक धर्म के लिए। लोकसभा में पप्पू यादव का तीखा भाषण भाजपा पर मंडल कमीशन के विरोध और ओबीसी अत्याचार के आरोपों के साथ और तीखा होता गया।
महिला आरक्षण और भाजपा की नीति पर सवाल
पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि सरकार जब महिला सुरक्षा की बात करती है, तब वक्फ बिल ला देती है, लेकिन जब बात महिला आरक्षण की आती है, तो चुप हो जाती है। उन्होंने दावा किया कि सरकार दलित, पिछड़ी और आदिवासी महिलाओं को आरक्षण नहीं देना चाहती।
बिहार में भाजपा की राजनीति पर भी उठाए सवाल
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी बिहार में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं देती। उन्होंने कहा कि यह पार्टी धर्म के नाम पर नफरत फैलाकर समाज को बांटने का काम कर रही है।
संसद में हंगामा, कार्रवाई की उठी मांग
पप्पू यादव के बयान के बाद लोकसभा में भारी हंगामा हुआ। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने उनके बयान को बेहूदा करार देते हुए स्पीकर से कार्रवाई की मांग की। हालांकि, स्पीकर की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
विपक्ष ने किया समर्थन, इतिहास पर बहस की मांग
विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में पप्पू यादव का तीखा भाषण सुनने के बाद उनके तर्कों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जमीनों के असली मालिकों को लेकर इतिहास पर खुली बहस होनी चाहिए। विपक्ष ने सरकार पर सामाजिक न्याय से बचने का भी आरोप लगाया।