पटना, 22 मार्च 2025 — शनिवार की शाम पटना के एक नामी अस्पताल में जो कुछ हुआ, उसने सिर्फ एक परिवार नहीं, बल्कि पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। अगमकुआं इलाके में स्थित एशियन हॉस्पिटल की डायरेक्टर डॉ. सुरभि राज की उनके चैंबर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई।
डॉ. सुरभि हमेशा की तरह अपने काम में व्यस्त थीं। अस्पताल का माहौल शांत था। लेकिन शाम करीब 6 बजे सब कुछ बदल गया।
जब मौत अस्पताल के दरवाज़े तक आ पहुंची
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दो लोग सीधे अस्पताल के भीतर दाखिल हुए — बिना किसी घबराहट के। वो सीधा डॉ. सुरभि के चैंबर की ओर बढ़े और दरवाज़ा खोलते ही ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। बेहद करीब से चलाई गई 6 गोलियों में से 5 के खोखे मौके से बरामद हुए हैं।
गंभीर रूप से घायल सुरभि को फ़ौरन एम्स पटना ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कौन थे हमलावर, और क्यों की हत्या?
हत्या की यह वारदात न सिर्फ हैरान करने वाली है, बल्कि पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। घटनास्थल से फॉरेंसिक साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और CCTV फुटेज की मदद से हमलावरों की पहचान की कोशिश की जा रही है।
फिलहाल हत्या की वजह साफ नहीं है। पुलिस हर संभावित एंगल से जांच कर रही है — चाहे वह किसी पुरानी रंजिश का मामला हो, पेशेवर जलन, या फिर रंगदारी से जुड़ा दबाव।
अस्पताल में डर, शहर में ग़ुस्सा
घटना के बाद अस्पताल के स्टाफ और मरीजों में डर का माहौल है। स्थानीय लोगों में ग़ुस्सा भी है — सवाल उठ रहे हैं कि अगर एक प्रतिष्ठित डॉक्टर, वो भी अस्पताल के अंदर सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर आम आदमी का क्या?
परिवार का दर्द: “ये पहले से साजिश थी”
डॉ. सुरभि का परिवार गहरे सदमे में है। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन इतना जरूर कहा कि ये कोई अचानक हुई वारदात नहीं थी — “हमलावर पूरी तैयारी के साथ आए थे, उन्हें पता था कि कब और कहां जाना है। यह एक सोची-समझी हत्या थी।”
समाज के लिए सवाल छोड़ गई यह हत्या
एक महिला डॉक्टर, जो समाज की सेवा कर रही थीं, उन्हें उनके कार्यस्थल पर, उनके ही कमरे में गोली मार दी जाती है — यह केवल एक क्राइम स्टोरी नहीं है, यह हमारे समाज की सुरक्षा और संवेदनशीलता पर गहरा सवाल है।
अब पूरा शहर सिर्फ एक जवाब चाहता है — क्या न्याय मिलेगा?
या फिर यह मामला भी फाइलों में गुम हो जाएगा?