फिल्म होमबाउंड के सिनेमैटोग्राफर प्रतीक शाह कान्स फिल्म फेस्टिवल 2025 में फिल्म की स्क्रीनिंग के बीच विवादों में घिर गए हैं। कई महिलाओं ने उन पर अनुचित बर्ताव और मानसिक शोषण के आरोप लगाए हैं। सोशल मीडिया पर यह मामला तब चर्चा में आया जब फिल्म डायरेक्टर अभिनव सिंह और राइटर-डायरेक्टर सृष्टि रिया जैन ने खुलकर इन आरोपों की पुष्टि की।
प्रतीक शाह कौन हैं?
प्रतीक शाह अमेरिका के डलास में रहते हैं और जुबली, CTRL, अक्का और होमबाउंड जैसी फिल्मों में कैमरा संभाल चुके हैं। उन्होंने वॉशिंगटन डीसी के कोरकोरन कॉलेज ऑफ आर्ट से फोटोग्राफी और UCLA से सिनेमैटोग्राफी की पढ़ाई की है।
क्या हैं आरोप?
डायरेक्टर अभिनव सिंह ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि प्रतीक शाह “इमोशनली अब्यूसिव” हैं और उनका व्यवहार कई महिलाओं के लिए परेशान करने वाला रहा है। उन्होंने कहा कि शाह को लेकर जो शिकायतें सामने आई हैं, वो इत्तेफाक नहीं, बल्कि एक पैटर्न है।
डायरेक्टर सृष्टि रिया जैन ने भी समर्थन करते हुए लिखा कि इंडस्ट्री में इस शख्स के खिलाफ पहले से बातें हो रही थीं, लेकिन सब चुप थे।
for those not on Insta, allegations have come out against Jubilee, CTRL and Homebound cinematographer Pratik Shah pic.twitter.com/Tm3gaiwgir
— Claire Denis the Menace (@MrNarci) May 30, 2025
पुराना मामला भी सामने आया
The Hollywood Reporter India के मुताबिक, करीब चार साल पहले एक महिला सिनेमैटोग्राफर ने IWCC में शिकायत की थी कि प्रतीक शाह ने उनसे न्यूड फोटो मांगी थीं। इस मामले में शाह ने माफी मांगी थी और उन्हें चेतावनी देकर केस बंद कर दिया गया था।
सोशल मीडिया से गायब
विवाद बढ़ते ही प्रतीक शाह ने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट कर दिया। अब उनके प्रोफाइल पर “Profile isn’t available” लिखा दिख रहा है।
धर्मा प्रोडक्शंस ने क्या कहा?
होमबाउंड के प्रोड्यूसर धर्मा प्रोडक्शंस ने कहा कि प्रतीक शाह को सिर्फ फिल्म के एक हिस्से के लिए फ्रीलांस पर रखा गया था। कंपनी की POSH कमेटी के पास उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं आई है।
हंसल मेहता की राय
फिल्ममेकर हंसल मेहता ने लिखा कि अगर किसी पर आरोप लगे हैं तो जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शोषण सिर्फ पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी कर सकती हैं और यह यौन के अलावा मानसिक और इमोशनल भी हो सकता है।
Abuse thrives in silence. It festers in fear.
— Hansal Mehta (@mehtahansal) May 31, 2025
Predatory behaviour by men in positions of power must be investigated thoroughly, and if found true, must be called out — unequivocally, and without delay. For too long, predators have weaponised influence, privilege, and fear to…