उत्तराखंड की राजनीति में एक खास मुकाम हासिल कर चुके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने पर राजधानी देहरादून में एक भव्य और भावनात्मक समारोह के साथ इस सफर का जश्न मनाया। रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में न केवल सरकार की उपलब्धियां गिनाई गईं, बल्कि भविष्य की दिशा भी तय की गई।
दिन की शुरुआत फिट इंडिया रन से हुई — एक प्रतीक था एक स्वस्थ और सशक्त उत्तराखंड की ओर बढ़ते कदमों का। इसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में रोड शो निकाला, जिसमें आम जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने लायक था। लोग सड़कों पर खड़े होकर फूलों की वर्षा करते नज़र आए, जैसे कह रहे हों — “हमें आप पर भरोसा है।”
तीन साल की मेहनत, कई बड़ी उपलब्धियां
मुख्य कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामीने सरकार की तीन साल की यात्रा को शब्दों में पिरोया। उन्होंने बताया कि यह सफर आसान नहीं था—प्राकृतिक आपदाएं, प्रशासनिक चुनौतियां और जनता की उम्मीदें, सब कुछ एक साथ था। लेकिन इन सबके बीच सरकार ने रुकना नहीं सीखा।
प्रमुख उपलब्धियां:
- राज्य की बेरोजगारी दर में 4.4% की कमी आई।
- देश का पहला नकल विरोधी कानून लागू किया गया।
- भू-कानून में संशोधन कर ज़मीन की सुरक्षा को मजबूत किया गया।
- 10 करोड़ तक के ठेके अब स्थानीय ठेकेदारों को मिलेंगे, जिससे प्रदेश का पैसा प्रदेश में ही रहेगा।
- उपनल व संविदा कर्मियों को स्थायी नियुक्तियों का रास्ता मिलेगा।
- कॉम्पिटिटिव एग्ज़ाम्स की तैयारी कर रहे युवाओं को आर्थिक सहायता दी जाएगी।
चारधाम के लिए विशेष योजना
सीएम धामी ने घोषणा की कि चारधाम यात्रा को और व्यवस्थित करने के लिए एक “धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद” का गठन किया जाएगा, जो तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं और व्यवस्था का समर्पित ढांचा तैयार करेगी।
अवैध कब्जों पर जीरो टॉलरेंस
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि राज्य को अतिक्रमण मुक्त बनाने का अभियान तब तक नहीं रुकेगा, जब तक आखिरी अवैध कब्जा नहीं हटाया जाता। ये सिर्फ विकास का नहीं, बल्कि न्याय और संतुलन का भी वादा है।
जनता का साथ, जनभागीदारी का संकल्प
सीएम धामी ने जनता का आभार जताते हुए कहा कि “यह सफर चुनौतियों भरा था, लेकिन जनता ने भरोसा जताया, साथ दिया, आशीर्वाद दिया – और हम आगे बढ़ते गए।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘उत्तराखंड का दशक’ विज़न को साकार करने के लिए सभी विभागों को 3–5 गेमचेंजर योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राज्य के वित्त विभाग को 10 साल की रोडमैप बनाने की ज़िम्मेदारी दी गई है, जिससे आर्थिक स्थिति और मज़बूत हो सके।
लोक संस्कृति का रंग भी छाया
कार्यक्रम में उत्तराखंड की लोक संस्कृति की भी झलक दिखी। रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में सजे लोक कलाकारों ने नृत्य और गीतों से ऐसा समां बांधा कि पंडाल तालियों से गूंज उठा। यह उत्तराखंड की आत्मा थी — पहाड़ी, सरल, लेकिन ज़िद्दी।
निष्कर्ष:
तीन साल का ये सफर केवल एक सरकार का नहीं, एक सोच, एक नीति और एक नए उत्तराखंड की नींव रखने का प्रयास था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न केवल वादे किए, बल्कि उनके लिए ज़मीन तैयार की। चुनौतियाँ थीं, लेकिन इरादे मज़बूत थे।
अब देखना यह है कि आने वाले दो सालों में यह सरकार इन विज़नों को धरातल पर कितनी मजबूती से उतार पाती है।