कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में महा कुंभ मेले में भगदड़ के दौरान जो मौतें हुईं, उन्हें जानबूझकर छुपाया गया। राहुल गांधी ने इसे एक बार फिर गरीबों की अनदेखी बताया।
सच को दबाने का आरोप
राहुल गांधी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, BBC की रिपोर्ट बताती है कि कुंभ मेले की भगदड़ में हुई मौतों के आंकड़े छुपाए गए। जैसे COVID के वक्त गरीबों की लाशों को सरकारी आंकड़ों से गायब कर दिया गया था, वैसे ही बड़े रेल हादसों के बाद भी सच्चाई सामने नहीं आती। यही है बीजेपी का मॉडल, अगर गरीब गिने ही नहीं जाएंगे, तो जवाबदेही किसकी होगी?
BBC की रिपोर्ट बताती है कि कुंभ मेले की भगदड़ में हुई मौतों के आंकड़े छुपाए गए।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 11, 2025
जैसे COVID में गरीबों की लाशें आंकड़ों से मिटा दी गई थी।
जैसे हर बड़े रेल हादसे के बाद सच्चाई दबा दी जाती है।
यही तो BJP मॉडल है – गरीबों की गिनती नहीं, तो ज़िम्मेदारी भी नहीं!
BBC की रिपोर्ट का दावा कुंभ भगदड़ में 82 मौतें हुईं
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, कुंभ मेले के दौरान भगदड़ में मारे गए लोगों की संख्या सरकारी आंकड़ों से काफी ज्यादा थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस पड़ताल के लिए पत्रकारों ने 11 राज्यों और 50 से ज्यादा जिलों का सफर तय किया और 100 से ज्यादा परिवारों से मुलाकात की। उनकी जांच में सामने आया कि कुंभ भगदड़ में कम से कम 82 लोगों की मौत हुई, जबकि सरकार ने इससे कहीं कम संख्या बताई थी।
महा कुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान भगदड़
महा कुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई थी। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया था और घटना की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग भी बनाया गया था।
केंद्र के पास कोई डेटा नहीं
मार्च में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि केंद्र सरकार के पास इस घटना से जुड़ा कोई आंकड़ा नहीं है। उन्होंने बताया कि ‘लोक व्यवस्था’, ‘पुलिस’ और धार्मिक आयोजनों से जुड़े प्रबंधन जैसे मुद्दे राज्य सरकारों के दायरे में आते हैं।