राहुल गांधी ने धर्म के मुद्दे पर तोड़ी चुप्पी स्पष्ट किया कि वो खुद को हिंदू मानते हैं, लेकिन उन्होंने यह भी साफ़ किया कि उनका हिंदू धर्म वो नहीं है जो बीजेपी के नेता दिखावते हैं। AICC अधिवेशन के समय राहुल ने सीधे अपने धर्म की बात की और कहा :
“हम भी अपने आप को हिंदू कहते हैं, लेकिन बीजेपी जो करती है, वो हमारा धर्म नहीं। हमारा धर्म सबको सम्मान देता है।”
उन्होंने बताया कि बीजेपी नेताओं ने राजस्थान में जब दलित नेता टीकाराम जूली मंदिर गए, तो बाद में मंदिर को धुलवाया गया। राहुल ने पूछा, “क्या यही हिंदू धर्म है? क्या एक दलित को मंदिर जाने का अधिकार नहीं है?” उन्होंने दो टूक कहा:
“हमारा हिंदू धर्म किसी को नीचा नहीं दिखाता, यह प्रेम और समानता का मार्ग है।”
बीजेपी के ‘हिंदू-विरोधी कांग्रेस’ वाले आरोप का राहुल ने दिया जवाब
बीजेपी लंबे समय से कांग्रेस को ‘हिंदू-विरोधी’ बताती आई है और राहुल गांधी को इस नैरेटिव का चेहरा बनाया गया है। लेकिन राहुल ने बार-बार अपने धार्मिक विश्वास और हिंदू पहचान को साफ किया है।
राहुल गांधी के धर्म को लेकर अब तक क्या-क्या हुआ?
- 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राहुल पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें जनेऊधारी हिंदू बताया और राहुल ने कई मंदिरों का दौरा किया।
- राहुल की एंट्री रजिस्टर के लिए विवाद 2017 में सोमनाथ मंदिर यात्रा के समय हुआ, जिससे उनकी धार्मिक पहचान चर्चा में आ गई।
- 2018 में कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने के बाद राहुल ने इसे आध्यात्मिक अनुभव बताया। एक्स पर लिखा कि यह यात्रा उन्हें भीतर से जोड़ने वाली रही।
- 2021 में जयपुर रैली में राहुल ने कहा:
“मैं हिंदू हूं, लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं। हिंदू धर्म सत्य और अहिंसा की राह दिखाता है, जबकि हिंदुत्व हिंसा और नफरत फैलाता है।” - 2023 में ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ शीर्षक से राहुल ने इंडियन एक्सप्रेस में लेख लिखा। उसमें उन्होंने लिखा कि
“हिंदू धर्म डर का सामना करने और सत्य की खोज का नाम है। जो अपने भय को अपनाता है, वही सच्चा हिंदू है।”