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रक्षा मंत्री राजनाथ जी गरजते रहे, और CDS चुप रहे, POK की असलियत क्या है?

राजनाथ सिंह के POK पर दावों को सच नहीं माना गया; चीन का व्यापक निवेश और सैन्य कब्जा POK को भारत से दूर ले गया है, जबकि पड़ोसी देश भी भारत के विरोधी बन चुके हैं।

खुशी तो तब होती जब पाकिस्तान ना सही POK की एक इंच ही ज़मीन पर आगे बढ़ कर भारत कब्ज़ा कर लेता। मगर अफ़सोस ऐसा नहीं हुआ और सीज़फायर हो गया।

इसके बावजूद कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हर मिनट फड़फड़ा कर POK पर कब्ज़े का ऐलान कर रहे हैं। पता नहीं यह लोग किस दुनिया में हैं कि इन्हें जबकि सब पता है कि 7 मई की रात क्या हुआ, उसके बाद भी यह देश को बरगला रहे हैं।

भारतीय सेना दुनिया की सबसे ईमानदार सेना है, उसके CDS जनरल अनिल चौहान समेत तमाम सैन्य अधिकारियों ने जो इशारे किए हैं वह समझने के लिए बहुत हैं।

मगर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को समझ में नहीं आ रहा है और हर दूसरे दिन POK, POK लगाए हुए हैं और देश के 38% पागलों को बरगला रहे हैं।

अरे भाई, उसी POK को पाकिस्तान लगभग चीन के हवाले कर चुका है, और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) और अन्य परियोजनाओं के माध्यम से उसी POK में चीन 60 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुका है जिसकी सुरक्षा के लिए वह क्या करेगा, आपको 7 मई की रात को समझ में आ चुका होगा।

चीन ने POK में जो अपना निवेश किया है वह मुख्य रूप से चीन के सीमावर्ती इलाके गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में है और कराकोरम हाईवे और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाएं इसमें शामिल हैं।

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POK में CPEC से संबंधित परियोजनाओं में सड़कें, रेलवे, और पाइपलाइनें शामिल हैं, जो ग्वादर बंदरगाह (बलूचिस्तान) को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ती हैं।

POK में CPEC के तहत 1,124 मेगावाट का कोहाला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट चीन का सबसे बड़ा प्रस्तावित प्रोजेक्ट है, जिसकी लागत लगभग 2.5 अरब डॉलर है।

इसके अतिरिक्त चीन डायमर-भाशा डैम का निर्माण कर रहा है जिसमें चीन की 70% हिस्सेदारी है। भारत ने इस पर आपत्ति जताई है, क्योंकि यह भारत के दावे वाले क्षेत्र में है मगर चीन को इससे कोई फर्क नहीं।

चीन ने POK में हाइड्रोपावर परियोजनाओं की पूरी एक श्रृंखला बना डाली है और कम से कम 14 बांध बनाकर 8000 मेगावाट की बिजली का उत्पादन कर रहा है और उसे चीन भेज रहा है।

POK में CPEC परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए चीन ने कम से कम 12,000 सैनिकों की विशेष सुरक्षा डिवीजन (SSD) तैनात की है जिसमें चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों की नियुक्ति है‌।

चीनी मूल के अत्याधुनिक JY और HGR सीरीज रडार सिस्टम और SH-15 155mm हॉवित्जर तोपें POK में LOC के साथ तैनात की गई हैं, जो कि POK में सैन्य सहायता का हिस्सा हैं।

ऐसी भी चर्चा है कि चीन ने POK के स्कार्दू (Skardu) एयरबेस पर फाइटर जेट्स तैनात किए और ग्वादर एयरपोर्ट का पाकिस्तान के सहयोग से सैन्य संचालन कर रहा है।

कहने का अर्थ यह है कि POK अब 1947 का POK नहीं है बल्कि अब अघोषित रूप से चीन के क़ब्ज़े में है जहाँ वह अपने इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछा चुका है।

और चीन ने भारत के सारे पड़ोसियों को अपने पाले में कर लिया है, सब भारत के विरोधी बने हुए हैं, आपके साथ है कौन? एक भी देश नहीं।

और आप POK लेने का ख़्वाब देश को दिखा रहे हैं? ऐसा कैसे संभव है राजनाथ सिंह जी? गोबर से सरकारी इमारतों को पोतकर? लोगों को पेशाब पिला कर? देश की स्थिरता, एकता और अखंडता को आग में झोंक कर? मस्जिद-मंदिर, मदरसा, कब्रिस्तान-श्मशान, मंगलसूत्र छीन लेंगे, बेटी छीन लेंगे, रोटी छीन लेंगे, भैंस छीन लेंगे करके?

माफ़ करिएगा राजनाथ सिंह जी, आप यह सब करके चुनाव तो जीत सकते हैं मगर POK नहीं।
हाँ, जनता को बरगलाना तो अलग बात है।

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अनिल यादव एक वरिष्ठ पत्रकार हैं जो Anil Yadav Ayodhya के नाम से जाने जाते हैं। अनिल यादव की कलम सच्चाई की गहराई और साहस की ऊंचाई को छूती है। सामाजिक न्याय, राजनीति और ज्वलंत मुद्दों पर पैनी नज़र रखने वाले अनिल की रिपोर्टिंग हर खबर को जीवंत कर देती है। उनके लेख पढ़ने के लिए लगातार OBC Awaaz से जुड़े रहें, और ताज़ा अपडेट के लिए उन्हें एक्स (ट्विटर) पर भी फॉलो करें।

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