पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में खौफ साफ नजर आ रहा है, लेकिन इसके बावजूद वो भड़काने वाली हरकतों से बाज नहीं आ रहा। पिछले 11 दिनों से सीमा पर लगातार फायरिंग हो रही है और हाल ही में उसने दूसरी बार मिसाइल टेस्टिंग की है। ये सब भारत को डराने की नाकाम कोशिशें हैं। हकीकत तो ये है कि गंभीर आर्थिक हालात से जूझ रहा पाकिस्तान युद्ध की हालत में एक हफ्ते तक भी टिक नहीं पाएगा, उसके पास जरूरी हथियार और गोला-बारूद की भारी कमी है।
इसके उलट भारत के पास ऐसी एडवांस टेक्नोलॉजी और घातक हथियार हैं, जो दुश्मन की रातों की नींद उड़ा सकते हैं। उन्हीं में से एक है ‘रैम्पेज मिसाइल’, जिसे भारतीय वायुसेना और नौसेना में शामिल कर लिया गया है। ये हवा से ज़मीन तक मार करने वाली बेहद सटीक मिसाइल है और सिर्फ भारत और इज़रायल के पास हैं। इसकी ताकत इतनी है कि ये समुद्र से ही दुश्मन के कम्युनिकेशन सेंटर्स, रडार और बंकर जैसे ठिकानों को एक झटके में तबाह कर सकती है। आने वाले वक्त में ये मिसाइल भारत की सैन्य रणनीति में बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकती है और लड़ाई की दिशा तय करने में अहम रोल निभा सकती है।
रैम्पेज मिसाइल की अहम बातें:
- रेंज: करीब 250 किलोमीटर तक टारगेट को निशाना बना सकती है।
- स्पीड: इसकी सुपरसोनिक रफ्तार इसे दुश्मन की रडार से बच निकलने में मदद करती है।
- गाइडेंस सिस्टम: GPS और INS नेविगेशन से लैस है, साथ में एंटी-जैमिंग तकनीक भी है।
- वॉरहेड: इसमें 150 किलो का विस्फोटक भरा जा सकता है, जो बंकर जैसी मजबूत संरचनाओं को भी उड़ाने में सक्षम है।
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: इसे Su-30 MKI, मिग-29, जैगुआर और नेवी के मिग-29K जेट्स से दागा जा सकता है।
पहली बार कब इस्तेमाल हुई थी?
इज़रायल ने इसे अप्रैल 2019 में सीरिया में पहली बार इस्तेमाल किया था और तब से इसकी मारक क्षमता साबित हो चुकी है। भारत ने इसे 2020 में चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच आपात खरीद के तहत लिया था।
पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच बड़ा कदम
इस वक्त जब भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से तनाव की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में रैम्पेज मिसाइल की तैनाती साफ इशारा देती है कि भारत अब और ज्यादा तैयार है। ये न सिर्फ हमारी ताकत दिखाती है, बल्कि दुश्मनों के लिए भी एक सख्त चेतावनी है।