भारत की मशहूर उद्योगपति रोशनी नादर ने इतिहास रच दिया है। HCL टेक्नोलॉजीज़ की चेयरपर्सन रोशनी नादर पहली भारतीय महिला बन गई हैं, जिन्होंने दुनिया की 10 सबसे अमीर महिलाओं की सूची में जगह बनाई है। हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2025 के अनुसार, वह इस सूची में पांचवें स्थान पर काबिज हैं, उनकी कुल संपत्ति ₹3.5 लाख करोड़ (40 बिलियन अमेरिकी डॉलर) है।
पिता की विरासत से अपनी पहचान तक: रोशनी की सफलता की कहानी
रोशनी नादर सिर्फ एक अरबपति नहीं, बल्कि एक सफल नेतृत्वकर्ता और समाजसेवी भी हैं। उनकी यह उपलब्धि तब और खास बन जाती है जब पता चलता है कि उनके पिता, शिव नादर ने HCL टेक्नोलॉजीज़ में 47% हिस्सेदारी उन्हें सौंपी, जिससे वह भारत की सबसे अमीर महिला और देश की तीसरी सबसे अमीर शख्सियत बन गईं।
भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में मुकेश अंबानी पहले स्थान पर हैं, जिनकी कुल संपत्ति ₹8.6 लाख करोड़ है। गौतम अडानी दूसरे स्थान पर हैं, जिनकी कुल संपत्ति ₹8.4 लाख करोड़ है। तीसरे स्थान पर रोशनी नादर हैं, जिन्होंने अपनी काबिलियत से यह मुकाम हासिल किया है।
दुनिया की सबसे अमीर महिलाओं में भारत की चमक
वैश्विक स्तर पर, रोशनी नादर उन प्रभावशाली महिलाओं के बीच जगह बनाने में सफल रही हैं, जो दशकों से इस सूची में राज कर रही हैं। एलिस वॉल्टन, जो वॉलमार्ट साम्राज्य की वारिस हैं, इस सूची में सबसे ऊपर हैं। फ्रैंकोइस बेटनकोर्ट मेयर्स, जो दुनिया की सबसे बड़ी कॉस्मेटिक कंपनी लॉरियल की उत्तराधिकारी हैं, दूसरे स्थान पर हैं। जूलिया कोच, जो कोच इंडस्ट्रीज़ की प्रमुख हैं, तीसरे स्थान पर हैं। जैकलिन मार्स, जो मार्स चॉकलेट कंपनी की मालिक हैं, चौथे स्थान पर हैं। रोशनी नादर इस सूची में पांचवें स्थान पर पहुंचकर भारत की ताकत को वैश्विक स्तर पर साबित कर रही हैं।
कारोबार ही नहीं, समाज सेवा में भी आगे
रोशनी नादर सिर्फ एक बिजनेस टायकून ही नहीं, बल्कि समाज सेवा में भी बढ़-चढ़कर योगदान देती हैं। वह शिव नादर फाउंडेशन की ट्रस्टी हैं, जो शिक्षा और नेतृत्व विकास के लिए 1.2 बिलियन डॉलर की योजनाएँ संचालित करता है।
‘विद्या ज्ञान’ नामक उनकी पहल उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को शिक्षा और नेतृत्व की ट्रेनिंग देती है।
शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें शाफ़नर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्होंने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है और केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री ली है।
भारत की महिलाओं के लिए प्रेरणा
रोशनी नादर का यह सफर सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित किया है कि दृढ़ निश्चय और नेतृत्व क्षमता के बल पर महिलाएँ न केवल बिजनेस वर्ल्ड में अपनी पहचान बना सकती हैं, बल्कि दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं में भी शामिल हो सकती हैं।