सऊदी अरब को दुनिया में एक सख्त इस्लामिक देश के रूप में जाना जाता है, जहां शरिया कानून का पूरी तरह पालन होता है। इस देश में 1932 से ही शराब पर प्रतिबंध है, लेकिन अब 73 साल बाद यह देश एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है। सरकार शराब पर आंशिक रूप से बैन हटाने की तैयारी कर रही है।
ये फैसला केवल शराब बेचने की अनुमति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई बड़ी रणनीतियां और योजनाएं छुपी हैं। आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है और इसके पीछे की असली वजह क्या है।
टूरिज्म और वर्ल्ड एक्सपो 2030 की तैयारी
सऊदी अरब अब खुद को एक ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना चाहता है। 2030 में वर्ल्ड एक्सपो और 2034 में फीफा वर्ल्ड कप जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन यहां होने वाले हैं। ऐसे में दुनियाभर से आने वाले विदेशी मेहमानों के लिए कुछ व्यवस्थाएं करनी ज़रूरी हैं।
शराब की सीमित बिक्री की इजाज़त देना इन्हीं तैयारियों का हिस्सा है, ताकि विदेशी पर्यटकों को बहरीन या दुबई जैसे अनुभव दिए जा सकें।
MBS के नेतृत्व में लगातार सुधार
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने सत्ता में आने के बाद कई बड़े और चौंकाने वाले फैसले लिए हैं। उन्हीं की सोच का नतीजा है कि आज सऊदी में:
- महिलाएं गाड़ी चला सकती हैं।
- सिनेमा और संगीत कार्यक्रमों की इजाज़त है।
- विदेशी टूरिस्ट्स के लिए वीज़ा प्रक्रिया आसान बनाई गई है।
अब शराब पर आंशिक छूट देना भी उनके सुधारों की एक और कड़ी है।
शराब कहां और कैसे मिलेगी?
सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक शराब केवल कुछ निश्चित शर्तों के साथ ही बेची जाएगी:
- सिर्फ 600 टूरिस्ट ज़ोन में।
- केवल लाइसेंस प्राप्त 5-स्टार होटल, रिसॉर्ट और विदेशी इलाकों में।
- 20% से ज़्यादा अल्कोहल वाली ड्रिंक्स अब भी बैन रहेंगी।
- स्थानीय लोगों के लिए शराब पर बैन अब भी रहेगा।
- पब्लिक प्लेसेज़, दुकानों या घर में शराब रखना अभी भी अपराध माना जाएगा।
यानि यह नियम केवल गैर-मुस्लिम विदेशी पर्यटकों के लिए होगा, जो अपने देश जैसा अनुभव चाहते हैं।
2024 में खुली पहली शराब की दुकान
2024 में रियाद के डिप्लोमैटिक ज़ोन में पहली शराब की दुकान खोली गई थी। यह सिर्फ विदेशी राजनयिकों के लिए थी।
यहां मोबाइल ऐप से पहचान और खरीदारी कंट्रोल होती थी। दुकान में मोबाइल फोन ले जाना मना था। इस प्रयोग से यह समझने की कोशिश की गई कि बिना धार्मिक भावनाएं आहत किए किस तरह शराब की बिक्री को नियंत्रित किया जा सकता है।
क्या यह समाज में बदलाव लाएगा?
शराब की बिक्री को लेकर सऊदी समाज में बहुत सतर्कता है। इसलिए यह फैसला बेहद सीमित दायरे में लिया गया है। लेकिन यह तय है कि यह सऊदी अरब के लिए एक बड़ा सामाजिक और सांस्कृतिक मोड़ है।
इससे यह भी दिखता है कि सऊदी अब खुद को ग्लोबल स्टेज पर अधिक स्वीकार्य और आधुनिक दिखाना चाहता है, लेकिन साथ ही अपनी धार्मिक परंपराओं को पूरी तरह नहीं छोड़ना चाहता