भारतीय शेयर बाजार मंगलवार, 1 अप्रैल को खुलते ही गिरावट में चला गया। यह दिन नए वित्तीय वर्ष का पहला दिन था, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल से लागू होने वाले नए प्रतिद्वंद्वी टैरिफ़ की खबरों ने बाजार को झटका दिया। इसके प्रभाव में भारत सहित कई देशों को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे निवेशकों में बेचैनी पैदा हुई।
बाजार में गिरावट की स्थिति
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में सुबह के सत्र में भारी गिरावट देखने को मिली। बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स 572.15 अंक या 0.74 प्रतिशत गिरकर 76,842.77 पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 125.35 अंक या 0.53 प्रतिशत गिरकर 23,394.00 पर खुला।
इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल से लागू होने वाले प्रतिद्वंद्वी टैरिफ़ हैं। इस टैरिफ़ के चलते भारतीय कंपनियों को गंभीर आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है, खासकर आईटी, वित्तीय सेवाएं और मेटल सेक्टर में।
स्टॉक्स में गिरावट
सेंसेक्स के 30 प्रमुख स्टॉक्स में से इंफोसिस सबसे अधिक गिरा। इंफोसिस की कीमत 2.25 प्रतिशत गिरकर ₹1,535.10 हो गई। इसके बाद एनटीपीसी का नाम आता है, जो 1.82 प्रतिशत गिरकर ₹351.15 पर था। बजाज फाइनेंस भी 1.66 प्रतिशत गिरकर ₹8,800 पर पहुंच गया।
इन कंपनियों ने पिछले सप्ताह भी गिरावट देखी थी, लेकिन सोमवार को ईद-उल-फित्र के मौके पर बाजार बंद था, जिससे यह गिरावट मंगलवार को और अधिक स्पष्ट हो गई।
क्या है इसके असर?
यह गिरावट निवेशकों के लिए चेतावनी का संकेत हो सकती है। हालांकि, बाजार में इस समय उतार-चढ़ाव जारी है और आगामी दिनों में और भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और दीर्घकालिक निवेश की योजना बनानी चाहिए।
निष्कर्ष:
भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को आई गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल से लागू होने वाले प्रतिद्वंद्वी टैरिफ़ के कारण आई। बाजार में सबसे ज्यादा गिरावट इंफोसिस, एनटीपीसी और बजाज फाइनेंस जैसे प्रमुख स्टॉक्स में देखने को मिली। हालांकि, इस गिरावट को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक अस्थायी स्थिति हो सकती है, और निवेशकों को सतर्क रहकर निवेश करना चाहिए।