कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, सक्रियता और संवाद के लिए हमेशा तैयार रहने की प्रवृत्ति को भारत की विदेश नीति के लिए प्राइम एसेट (Prime Asset) बताया है। थरूर ने द हिंदू में लिखे एक लेख में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कूटनीतिक पहल ने दुनिया को यह संदेश दिया कि जब देश एकजुट होता है, तो उसकी आवाज़ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और भी प्रभावशाली होती है। उन्होंने लिखा, सीधे सैन्य कार्रवाई जितनी निर्णायक थी, उतनी ही महत्वपूर्ण थी उसके बाद की कूटनीतिक पहल, जिसने वैश्विक समर्थन और भारत की छवि को मजबूत किया।
पार्टी लाइन से अलग पीएम की खुलकर सराहना
थरूर का यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस पार्टी लगातार पीएम मोदी और केंद्र सरकार की विदेश नीति की आलोचना कर रही है, खासकर अमेरिका द्वारा ईरान पर बमबारी के मुद्दे पर। थरूर ने न सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की, बल्कि उस संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया, जिसे पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई को वैश्विक मंच पर सही ठहराने के लिए विदेश भेजा गया था। पार्टी के कई नेताओं ने सरकार द्वारा चुने गए प्रतिनिधिमंडल पर सवाल उठाए थे, लेकिन थरूर ने कहा कि विभिन्न दलों, राज्यों और धर्मों के सांसदों को एक साथ भेजना खुद में एक मजबूत संदेश था कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत एकजुट है।
कांग्रेस में असहजता भाजपा ने सराहना को हाईलाइट किया
थरूर के इस ताजा बयान से कांग्रेस नेतृत्व और उनके बीच दूरी और बढ़ सकती है। पार्टी के कई नेताओं ने जहां पीएम मोदी की विदेश नीति की आलोचना की, वहीं थरूर ने न सिर्फ मोदी की तारीफ की, बल्कि पार्टी की लाइन से अलग जाकर सरकार की कूटनीतिक रणनीति को भी समर्थन दिया। भाजपा ने थरूर के बयान को तुरंत हाईलाइट किया और इसे मोदी सरकार की विदेश नीति की सफलता बताया।
राष्ट्रीय एकता और वैश्विक मंच पर भारत की छवि
शशि थरूर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब भारत के सांसद विभिन्न दलों, राज्यों और धर्मों से मिलकर एक प्रतिनिधिमंडल के रूप में दुनिया के सामने जाते हैं, तो यह भारत की एकता और लोकतांत्रिक ताकत का संदेश देता है। उन्होंने लिखा, यह दिखाता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत एकजुट है। इससे हमारे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के बीच भारत की विश्वसनीयता और प्रभाव दोनों बढ़ते हैं।
शशि थरूर का यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि के मुद्दे पर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर एकता दिखाना कितना जरूरी है। थरूर ने पीएम मोदी के नेतृत्व और कूटनीतिक सक्रियता को भारत के लिए प्राइम एसेट बताया, जिससे कांग्रेस के भीतर बहस जरूर तेज हो गई है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज को मजबूती भी मिली है।