इंदौर के नवविवाहित जोड़े राजा और सोनम ने अपने जीवन के सबसे खूबसूरत पलों को शिलांग की हरियाली में बिताने का सपना देखा था। 23 मई 2025 को उनकी यात्रा शुरू हुई , पहाड़ों पर बादलों से बातें करते हुए, झरनों की मधुर ध्वनि के साथ। किंतु यह रोमांटिक सफर अचानक एक भयावह त्रासदी में बदल गया। राजा का शव 200 फीट गहरी खाई में मिला, सोनम रहस्यमयी तरीके से गायब हो गईं, और एक अनजान गाइड इस पूरे घटनाक्रम का केंद्र बन गया। यह घटना न केवल एक परिवार को तोड़कर रख दिया, बल्कि पूरे देश के पर्यटकों के मन में सवाल खड़े कर दिए: क्या हमारे पर्यटन स्थल वाकई सुरक्षित हैं?
वो भयावह दिन: जब खुशियों की यात्रा बनी मौत का सफर
23 मई की सुबह राजा, सोनम ने शिलांग के होटल से स्कूटी किराए पर ली। उनका लक्ष्य था चेरापूंजी के पास सोहरा हिल्स में स्थित प्रसिद्ध लिविंग रूट ब्रिज देखना। दोपहर डेढ़ बजे तक वे वीसॉडॉंग वॉटरफॉल पहुँचे, जहाँ एक स्थानीय व्यक्ति ने खुद को गाइड बताकर उनका साथ दिया। इसी क्षण से घटनाओं ने विकराल रूप लेना शुरू किया। वह गाइड उन्हें जंगल के बीच एक दुर्गम रास्ते पर छोड़कर अचानक गायब हो गया, ऐसी जगह जहाँ मोबाइल नेटवर्क का नामोनिशान नहीं था और आसपास कोई मानव बस्ती दिखाई नहीं देती थी। शाम पाँच बजे तक जब उनका फोन डिस्कनेक्ट हो गया, तो चिंतित परिवार ने पुलिस को सूचित किया। अगले दिन पुलिस को शिलांग सोहरा रोड पर उनकी खाली स्कूटी मिली। सीट के पीछे रखा सामान गायब था, और ज़मीन पर खून के धब्बे एक भयावह संकेत दे रहे थे।
जाँच के अंधेरे गलियारे: गाइड से लेकर होटल स्टाफ तक
पुलिस की एसआईटी ने जिस तरह से तफ़्तीश शुरू की, उसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। ड्रोन से खोजबीन के दौरान 2 जून को वॉटरफॉल के नीचे राजा का शव मिला। उनके दाहिने हाथ पर राजा टैटू और पास में सोनम की सफेद शर्ट ने पहचान पुख्ता की। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने सिर में गंभीर चोट और शरीर पर गहरे जख्मों का खुलासा किया। असली सनसनी तब हुई जब पता चला कि गाइड का पर्यटन विभाग के पास कोई रजिस्ट्रेशन नहीं था। जाँच में सामने आया कि जिस होटल में दंपति ठहरे थे, उसके तीन कर्मचारी उन्हें इस गाइड से मिलवाने में शामिल थे। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की। एक और रहस्यमयी सुराग सोनम के फोन से मिला , 24 मई को चेरापूंजी के एक मॉल के पास उनका फोन एक्टिव हुआ, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में उनका चेहरा धुंधला था। राजा के भाई विपिन ने मीडिया से आँसू भरी आवाज़ में बताया: होटल स्टाफ और स्कूटी वाले पर शक है। गाइड ने जानबूझकर उन्हें जानलेवा जगह पर छोड़ा। यह सुनियोजित षड्यंत्र लगता है।
पर्यटन के अँधेरे पहलू: फर्जी गाइड और सिस्टम की विफलता
यह घटना कोई पृथक घटना नहीं है। मई 2025 में ही इसी इलाके में हंगरी के पर्यटक ज़ोल्ट की शव मिली थी, जिसे पुलिस ने दुर्घटना बताया। स्थानीय लोगों का मानना है कि ये दोनों घटनाएँ एक ही आपराधिक गिरोह से जुड़ी हो सकती हैं। नॉर्थईस्ट के जाने माने ट्रैवल एक्सपर्ट राहुल मिश्रा के अनुसार, शिलांग में 70% गाइड फर्जी होते हैं। वे टूरिस्ट स्पॉट्स पर सस्ते टूर का झांसा देकर लोगों को फंसाते हैं। कई गाइड पर्यटकों को जानबूझकर ऐसे इलाकों में ले जाते हैं जहाँ मोबाइल नेटवर्क नहीं होता, ताकि उन्हें लूटा जा सके। इस संकट के बाद मेघालय के पर्यटन मंत्री पाइनस मारक ने कार्रवाई का ऐलान किया: हम सभी टूर ऑपरेटर्स का सत्यापन करेंगे और फर्जी गाइड्स के खिलाफ विशेष अभियान चलाएंगे। पर्यटन विभाग के आँकड़े चौंकाने वाले हैं, 2024 में नॉर्थईस्ट में पर्यटकों के खिलाफ अपराध में 40% की वृद्धि हुई, जिसमें अधिकांश मामले फर्जी गाइड्स से जुड़े थे।
अधूरे सवाल: क्या सोनम जीवित हैं?
आज भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि सोनम कहाँ हैं? पुलिस के अनुसार, दो संभावनाएँ प्रमुख हैं: पहली यह कि वह घटनास्थल से भागने में सफल रहीं, लेकिन स्थानीय आपराधिक गिरोहों के चंगुल में फँस गईं। दूसरी संभावना यह है कि उन्हें भी हत्या कर दी गई, लेकिन शव छिपा दिया गया। राजा के परिवार को गहरा सदमा है और वे न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। विपिन ने जोर देकर कहा: हमारे लिए सिर्फ इंसाफ मायने रखता है। यह केस दिखाता है कि खूबसूरत जगहों पर भी सावधानी बरतना कितना जरूरी है। जब तक सोनम नहीं मिल जातीं, यह सवाल जिंदा रहेगा, क्या यह वाकई सिर्फ एक दुर्घटना थी या कोई सुनियोजित साजिश?