इन दिनों बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 को लेकर जबरदस्त जोश है। हर जगह युवा ऊर्जा और टैलेंट की चर्चा हो रही है। इसी माहौल में छपरा की एक साधारण सी दिखने वाली, लेकिन दमदार जज्बे वाली बेटी सुहानी कुमारी ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो बहुत से लोग सिर्फ सोच ही पाते हैं।
सुहानी ने इंडिविजुअल परस्यूट साइक्लिंग में कमाल का प्रदर्शन करते हुए मेडल जीत लिया, और बिहार का नाम रोशन कर दिया। हैरानी की बात ये है कि उसके पास खुद की प्रोफेशनल साइकिल तक नहीं थी। मगर उसकी मेहनत और जिद ने उसे इस मुकाम तक पहुंचा ही दिया।
सुहानी की जीत से उनके माता-पिता की आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा
“हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हमारी बेटी ऐसा कुछ कर दिखाएगी। हम बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री की तरफ से खास तोहफा
सुहानी की इस शानदार कामयाबी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें 11 लाख रुपये की हाई-टेक प्रोफेशनल रेसिंग साइकिल दी। ये साइकिल उनके लिए सिर्फ एक गिफ्ट नहीं, बल्कि उनकी आगे की उड़ान के लिए एक नई शुरुआत है। खुद सुहानी ने माना कि अगर सरकार का सपोर्ट न मिला होता, तो ये जीत शायद मुमकिन नहीं थी।
बिहार में खेलों की नई शुरुआत
पहले हरियाणा, पंजाब, ओडिशा और साउथ इंडिया ही खेलों में आगे रहते थे, लेकिन अब बिहार भी उस रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने ‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ’, ‘मशाल अभियान’, और खेल सुविधाओं को सुधारने जैसे कई कदम उठाए हैं, जिससे राज्य के टैलेंट को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 की मेजबानी बिहार के लिए एक बड़ी बात बन गई है। गांवों और छोटे कस्बों से निकलकर युवा अब इंटरनेशनल लेवल की तैयारी कर रहे हैं।
सुहानी बनीं हजारों लड़कियों के लिए मिसाल
सुहानी की कहानी सिर्फ मेडल जीतने की नहीं, बल्कि एक ऐसी बेटी की है जिसने मुश्किलों से लड़कर अपना नाम बनाया। उसने साबित कर दिया कि अगर हिम्मत हो, तो रास्ते खुद बनते हैं, सपने छोटे नहीं होते, सोच बड़ी होनी चाहिए।