अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की प्रसिद्ध भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर करीब 9 महीने के लंबे अंतरिक्ष मिशन के बाद बुधवार को पृथ्वी पर सुरक्षित लौट आए।
मिशन जो एक हफ्ते का था, बढ़कर 9 महीने का हो गया
सुनीता और विल्मोर जून 2024 में बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल के जरिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचे थे। इस मिशन को मूल रूप से सिर्फ एक सप्ताह का परीक्षण मिशन माना गया था, लेकिन तकनीकी समस्याओं की वजह से वापसी में लंबी देरी हुई।
नासा के अनुसार, अंतरिक्ष यान में तकनीकी गड़बड़ियां आ गई थीं, जिसके कारण उनकी वापसी लगातार टलती रही। हालांकि, इस दौरान दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने 150 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनका उपयोग भविष्य में अंतरिक्ष अनुसंधान में किया जाएगा।
भारत में भी खुशी की लहर
सुनीता विलियम्स की सकुशल वापसी पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भी खुशी जाहिर की। भारतीय मूल की इस अंतरिक्ष यात्री की उपलब्धि को देशभर में सराहा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर सुनीता के साथ अपनी पुरानी तस्वीर साझा करते हुए लिखा,
“धरती ने आपको याद किया, आपका स्वागत है!”
नासा ने बताया मिशन सफल
नासा के अधिकारियों ने सुनीता और विल्मोर की सुरक्षित वापसी पर राहत जताई और मिशन को पूरी तरह से सफल बताया। उनका कहना है कि इस मिशन से मिली जानकारी भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों को और अधिक सुरक्षित और सफल बनाने में मदद करेगी।
सुनीता विलियम्स की यह अंतरिक्ष यात्रा न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरणा है।