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ओबीसी सर्टिफिकेट पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: सिंगल मदर के बच्चों को जाति प्रमाणपत्र देने पर मांगी राज्यों से सफाई

सुप्रीम कोर्ट ने सिंगल मदर के बच्चों को OBC सर्टिफिकेट देने की याचिका पर सभी राज्यों से जवाब मांगा, अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। अंतरजातीय विवाह पर भी मांगी सफाई।

सुप्रीम कोर्ट ने 23 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे ओबीसी प्रमाणपत्र से संबंधित मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करें। कोर्ट ने विशेष रूप से पूछा कि अंतरजातीय विवाह की स्थिति में ओबीसी प्रमाणपत्र कैसे जारी होगा। राज्य सरकारों को इस पर स्पष्ट जवाब देना होगा।

याचिका उन बच्चों को ओबीसी प्रमाणपत्र देने से संबंधित है, जिनकी मां ओबीसी वर्ग से है और अकेले बच्चों का पालन-पोषण कर रही है। याचिकाकर्ता की मांग है कि ऐसी स्थिति में बच्चों को ओबीसी प्रमाणपत्र मिलना चाहिए, भले ही पिता दूसरी जाति से हों या माता-पिता का रिश्ता खत्म हो चुका हो।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एनके सिंह की पीठ ने चिंता जताई कि एक तलाकशुदा महिला को अपने बच्चों के लिए जाति प्रमाणपत्र बनवाने हेतु पूर्व पति से संपर्क क्यों करना पड़ता है? कोर्ट ने कहा कि सिंगल मदर्स की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार को भी अतिरिक्त सुझाव देने की छूट दी गई है। पीठ ने उल्लेख किया कि एससी/एसटी समुदाय के लिए पहले ही दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं।

अगली सुनवाई

मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई 2025 को होगी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ओबीसी सिंगल मदर्स के बच्चों को प्रमाणपत्र देने के लिए दिशानिर्देश तय कर सकता है। केंद्र सरकार ने याचिकाकर्ता के पक्ष में हलफनामा दाखिल किया है, लेकिन राज्य सरकारों की राय को भी आवश्यक बताया है।

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शिवम कुमार एक समर्पित और अनुभवी समाचार लेखक हैं, जो वर्तमान में OBCAWAAZ.COM के लिए कार्यरत हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में गहरी रुचि रखने वाले शिवम निष्पक्ष, तथ्यात्मक और शोध-आधारित समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं। उनका प्रमुख फोकस सामाजिक मुद्दों, राजनीति, शिक्षा, और जनहित से जुड़ी खबरों पर रहता है। अपने विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और सटीक लेखन शैली के माध्यम से वे पाठकों तक विश्वसनीय और प्रभावशाली समाचार पहुँचाने का कार्य करते हैं। शिवम कुमार का उद्देश्य निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता के जरिए समाज में जागरूकता फैलाना और लोगों को सटीक जानकारी प्रदान करना है।

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